गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 15 दिसंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जिला अध्यक्ष मिश्रीलाल तारक, विकासखंड अध्यक्ष यशवंत कुमार साहू, सचिव शोभाराम साहू, उपाध्यक्ष मयाराम जांगड़े, कोषाध्यक्ष तुलसी राम धनकर ने सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के माँग का पुरजोर समर्थन किया है। पदाधिकारियों का कहना है कि सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षक संवर्ग को हर मामले में नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षकों को क्रमश: पाँचवें वेतन आयोग के अनुशंसा अनुसार केंद्र शासन ने 4500-125-7000, छठवें में 9300-34800़4200 तथा सातवें में 35400-112400 स्वीकृत किया था, लेकिन राज्य शासन ने पुनरीक्षित वेतनमान में क्रमश: 4000-100-6000, 5200-20200़2400 एवं 25300-80500 स्वीकृत किया।
उन्होंने बताया कि पुनरीक्षित वेतनमान में उच्च वर्ग शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य को केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया था। जिसके कारण अनेक विसंगति उत्पन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षक एलबी को क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान स्वीकृत कर ग्रेड पे 2400 रू. को बढ़ाकर 4200रू किया गया। उनको तदनुसार बाद हुए वेतन भी मिला। लेकिन एक साल बाद हुए नियमितीकरण से उनका ग्रेड वेतन 4200 को घटाकर पुन: 2400 कर दिया गया है। जिससे प्रतिमाह हजारों रुपयों में आर्थिक क्षति हो रहा है, जो कि अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि वेतन विसंगति से हो रहे जबरदस्त आर्थिक नुकसान के कारण सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। जो कि सहायक शिक्षकों के हुए आर्थिक शोषण के विरुद्ध आवाज है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारियों को शिक्षकों के हर मामले के निराकरण में आर्थिक व्यय भार दिखता है। इसका तात्पर्य यही है कि शिक्षकों की माँग सही है। उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के परीक्षण उपरांत ही आर्थिक व्ययभार का गणना किया गया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन सहायक शिक्षकों के विरुद्ध यदि दमनकारी रवैया अपनाया तो इसका पुरजोर विरोध होगा।