बस्तर

3 साल में 950 गुम थे, 817 मिले, 133 लोग अभी भी लापता, तलाश जारी
09-Jan-2022 4:49 PM
3 साल में 950 गुम थे, 817 मिले, 133 लोग अभी भी लापता, तलाश जारी

समय-समय पर बस्तर पुलिस चला रही है अभियान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 9 जनवरी।
छोटी-छोटी बातों पर घर छोडक़र या प्रेम-प्रसंग में फंसकर कई बच्चे माता-पिता बिना बताए घर से चले जाते हंै। जिसके बाद परिवार के लोग अपने बच्चों को खोजने के लिए पुलिस की मदद लेते हंै। लेकिन ऐसे ही कुछ बच्चों को जहां कई परिवार अपना लेते हैं, तो वहीं कई परिवार उनसे पूरी तरह से रिश्ता तोड़ लेते हैं। इन सबके अलावा लापता हुर्इं लड़कियां अपना नाम ही बदल लेती हंै। जिससे पुलिस को उनको ढूंढने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सबके बावजूद बस्तर पुलिस इन्हें ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बस्तर जिले के हर थाने में गुमशुदगी के कई मामले दर्ज किए जाते हंै, इसमें से कई मामले ऐसे भी है जिसमें बस्तर पुलिस बाहर राज्य में जाकर लापता लोगों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इनमें अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा आंकड़ा महिलाओं का है।

कई मामलों में तो पुलिस अभी भी प्रयास में लगी हुई है, देखा जाए तो 3 वर्षों में सैकड़ों के लगभग बालक, बालिका, महिला, पुरूष अभी भी हंै, जिसकी पतासाजी में बस्तर पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जिसमें लापता लोगों को जल्द से जल्द खोज निकालने की बात कही जा रही है।

वर्ष 2019 में 5 बालक, 71 बालिका, 60 पुरुष व 146 महिलाएं गुम होने का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें बस्तर पुलिस ने 4 बालक, 69 बालिका, 49 पुरुष व 132 महिलाओं को खोज निकाला, जिसमें 1 बालक, 2 बालिका, 11 पुरूष व 14 बालिका बचे हंै, जिनकी खोजबीन चल रही है।

वर्ष 2020 में 6 बालक, 78 बालिका, 66 पुरुष व 144 महिलाएं लापता हो गई थी, जिसमे से बालक तो पूरे मिल गए थे, बालिका 76, पुरुष 57 व महिलाएं 122 थे, जिसमे 2 बालिका, 9 पुरुष व 22 महिलाएं अभी भी बचे हुए हैं।

वर्ष 2021 दिसंबर तक बालक 9, बालिका 89, पुरुष 77 व 199 महिलाएं गुम हुर्इं, जिसमें 5 बालक, 84 बालिका, 54 पुरुष व 163 बरामद किया गया, जिसमें अभी 2 बालक, 5 बालिका, 23 पुरुष व 36 महिलाएं अभी बचे हुए हैं।

इन 3 वर्षों में 950 गुम हुए थे, जिसमें 817 लोग बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 133 लोग अभी भी बाकी हंै, जिनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है, इन बचे लोगों को खोजने के लिए भी अभियान चल रहा है, लेकिन विगत 2 वर्षों से कोरोना के चलते अभियान को कुछ समय के लिए रुक गया था, लेकिन फिर से इस अभियान को वापस तेज किया जाएगा, जिससे कि गुमशुदाओ को फिर से खोजने का काम शुरू कर दिया जाएगा। गुमशुदगी के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा ने बताया कि गुमशुदाओं को खोजने के लिए थाना प्रभारी को फिर से आदेशित कर दिया गया है, जिसमें गुमशुदाओं को फिर से खोजने की बात कही गई है।

उन्होंने बताया कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिसमें देखने को मिला है कि आरोपियों द्वारा बालिकाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उन्हें अन्य शहर लेकर चले जाते हैं। जहां उन्हें दलालों के पास छोडक़र बंधक बना दिया जाता है। ऐसे अपराध मारडूम और दरभा थाने में दर्ज किया गया है।

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