दुर्ग

नगपुरा में 5 सालों से प्रतिवर्ष हजार पौधे रोपित, गांव में फैली हरियाली
17-Jan-2022 2:46 PM
नगपुरा में 5 सालों से प्रतिवर्ष हजार पौधे रोपित, गांव में फैली हरियाली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 जनवरी।
  ग्राम पंचायत नगपुरा के विकास की परिभाषा में सडक़, भवन, बिजली पानी ही नहीं अपितु हरियाली भी शामिल है। गांव को हरभरा रखने युवा सरपंच भूपेंद्र  के नेतृत्व पिछले 5 सालों से प्रतिवर्ष 1000 पौधे रोपित कर इसका संरक्षण भी किया जा रहा है। अब तक 5000 से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। इनमें से हजारों पौधे अब पेड़ का आकार ले चुके हैं। ग्राम के बांधा तालाब पार, मुक्तिधाम एवं गौठान जो पांच साल पूर्व वीरान था, यहां अब हरे भरे पेड़ों की हरियाली बिखरने से यह रमणीय स्थल बन गया है।

गांव के सरपंच भूपेन्द्र रिगरी का कहना है कि ग्राम नगपुरा के आसपास बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थापित है, जहां से निकलने वाले डस्ट गांव तक पहुंचता है। गांव के बांधा तालाब ग्राम के लोगों के निस्तारी का प्रमुख माध्यम है, जहां भी औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले डस्ट पानी की सतह पर आकर बैठ जाता है। औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण से ग्रामीणों को बचाकर उनके स्वस्थ्य जीवन के लिए ग्राम को हरभरा बनाने विकास कार्यों में पौधरोपण कर उसके संरक्षण को भी शामिल किया है। उन्होंने प्रतिवर्ष हजार पौधे रोपित कर उन्हें संरक्षित कर बड़ा करने का भी संकल्प लिया है। जिसकी शुरुआत बांधा तालाब पार में अपने पिता के दशगात्र कार्यक्रम के दौरान पौधरोपण कर किया। यहां पर वर्ष 2017 में जामुन, केला, नीम, आम, सीताफल, अमरूद, करौंदा, पाम, सुपारी, शहतूत सहित विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपित किए गए थे, जो अब पेड़ का रूप ले चुके हैं। तालाब के पार में दोनों छोर व आसपास लगे इन पेड़ों की वजह से यहां की सुंदरता देखते ही बनती है।  वहीं ग्रामीणों के अनुसार इन पेड़ों की वजह से प्रदूषण भी कम हुआ है। श्री रिगरी द्वारा यहां पर बड़ी सं या में फूलदार विद्यापत्ती व अन्य आकर्षक पौधे भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम में लोगों के घर जब कोई मेहमान आता है तो ग्रामीण उन्हें लेकर यहां के तालाब पार की सुंदरता को दिखाने लाते हैं। इसके अलावा ग्राम के बुजुर्ग एवं युवा वर्ग भी सुबह शाम तक तफरीह के लिए पहुंचते हैं। श्री रिगरी के अनुसार पौधरोपण के पूर्व ग्राम का तालाब पार काफी गंदा था, जिसकी की वजह से यहां से गुजरना भी मुश्किल होता था, मगर पौधरोपण के पश्चात यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

उन्होंने लोगों के बैठने के लिए कबाड़ से बेंच भी तैयार किए हैं। इसी प्रकार श्मशान घाट में भी 1000 एवं हाई स्कूल में 300 पौधे रोपित किए गए थे जो अब पेड़ का आकार ले चुके हैं। वहीं गौठान में भी रोपे गए 1000 पौधे अब पेड़ का आकार लेने लगे हैं। बांधा तालाब दो भागों में विभक्त है, जिसके बीचों बीच बने पार पर इस साल ढाई सौ नग पौधे रोपित किए गए हैं। वहीं नवातरिया में भी 550 पौधे रोपित कर अभियान को जारी रखा गया है। आगामी वर्ष में जैन मंदिर रोड पर भी वृहद पैमाने में पौधरोपण का लक्ष्य है।

उनका कहना है कि पटवारी एवं कोटवार से मिलकर ग्राम में जहां भी खाली जगह है, वहां पौधरोपण कर गांव को हरा-भरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्राम के बस्ती व चौक में भी लोगों के जन्मदिन एवं मृतक परिजनों की स्मृति में गुलमोहर, कद ब, बदाम आदि के पौधे रोपित किए जा रहे हैं।
 

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