दुर्ग

दुर्ग में सक्रिय हुए कमिश्नर कावरे, फील्ड पर देखी योजनाएं
19-Jan-2022 3:48 PM
दुर्ग में सक्रिय हुए कमिश्नर कावरे, फील्ड पर देखी योजनाएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 19 जनवरी। 
संभागायुक्त महादेव कांवरे ने अपना कार्यभार ग्रहण करते ही जिला अधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों, प्रशासनिक गतिविधियों और शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लेकर अपनी सक्रियता का परिचय दिया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने बताया कि उनका प्रमुख कार्य संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेही प्रशासन को मूर्त रूप देना है।

उन्होंने वर्तमान में संक्रमण को देखते हुए अपनी गतिविधि की शुरूआत श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से की। जहां उन्होंने विभिन्न मेडिकल स्टोर में जाकर स्टोर में चिन्हांकित 20 कंपनी के सभी मेडिसिन का अवलोकन बारिकी से किया। इसके साथ ही स्टोर में उपस्थित हितग्राहियों से उपलब्ध दवाईयों के संबंध में चर्चा की। इसके पश्चात् वो जिले में कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति जानने जे.आर.डी. स्कूल में पहुंचे। यहां पर लगे टीकाकरण केंद्र का उन्होंने जायजा लिया और जिले में चल रहे टीकाकरण की वस्तु स्थिति की जानकारी ली। जिले में चलाए गए महाअभियान और वैक्सीन नीयर मी पर उन्होंने खुशी जाहिर की और कहा कि यह एक सतत् प्रक्रिया है इसलिए हमें अपनी वैक्सीनेशन की इस गति को कायम रखना है।

इसके पश्चात् वो शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का अवलोकन करने के लिए चंदखुरी गौठान पहुंचे। यहां उन्होंने गौठान में कार्य कर रहे विभिन्न स्व सहायता समूह से भेंट की और उनसे गौठान के संचालन से संबंधित जानकारियां भी प्राप्त की। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने उन्हें वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन से संबंधित प्रक्रियाओं से क्रमबद्ध परिचय कराया और बताया कि सिर्फ वर्मी कंपोस्ट खाद के माध्यम से ही अब तक वो 5 लाख रुपये की राशि अर्जित कर चुके है।

इस अवसर पर संभागायुक्त के साथ जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी उपस्थित थे। उन्होंने चंदखुरी गौंठान में किये जाने वाले विभिन्न नवाचारों संभागायुक्त को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि चंदखुरी गौंठान अपने आप में परिपूर्ण इकाई है। जिसमें पशुओं के आश्रय के साथ-साथ उनके लिए चारे की व्यवस्था और पेयजल की व्यवस्था भी है और उनका संवर्धन भी किया जाता है। यहां वर्मी कंपोस्ट खाद, अंजोला गोबर संग्रहण केन्द्र, चारा संग्रहण केन्द्र, मुर्गी पालन के लिए शेड, मछली पालन के लिए डबरी उपलब्ध है।

संभागायुक्त को जब जानकारी मिली की इस गौंठान के माध्यम से 52 ग्राम पंचायत को प्रशिक्षण भी प्राप्त हुआ है तो उन्होंने इस पर खुशी जाहिर की। उन्होंने क्रमवार वर्मी कंपोस्ट खाद बैड से लेकर मुर्गी पालन शेड और मछली पालन डबरी का जायजा लिया।

उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गौंठान में संचालित इन सभी गतिविधियों के लिए अलग-अलग स्व सहायता समूह को अवसर दिया जाए ताकि शासन द्वारा संचालित योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा बन सके । कार्यविधि में पारदर्शिता बरतने के लिए उन्होंने डेली रजिस्टर मेंटेंन करने की बात कही, मुर्गी और मछली पालन के लिए चार्ट मेंटेंन और ट्रेनिंग विभाग के गाईडेंस पर कराई जाये इस बात पर विशेष जोर दिया।

अंजोला को गाय के चारों के अलावा मुर्गी के चारों के उपयोग में भी लाया जाये ताकि उन्हें वैरायटी प्राप्त हो ऐसा उन्होंने सुझाव दिया। स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बात करने पर उन्हें ज्ञात हुआ कि कुछ किसानों को अधिकतम आय लगभग 1 लाख रूपये के आस-पास प्राप्त हुई है।  जिससे उन्होंने डेयरी शेड का निमार्ण और थ्रेसर जैसे यंत्र लिये है। इस पर उन्होंने कहा कि शासन की इन योजनाओं से आज ग्रामीण जीवन में एक बहुत बड़ा बदलाव आया है और ये बदलाव बहुुत ही सुखद है। इन योजनाओं से आम जन के आर्थिक स्थिति निश्चित ही सुदृढ़ बदलाव आयेंगे। इस अवसर पर मत्स्य विभाग की उपसंचालक श्रीमती सुधादास, कृषि विभाग की उपसंचालक एसएस राजपूत और पशुविभाग से सीपी मिश्रा एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
 

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