रायपुर

इंजीनियर भी बेच रहे थे शराब, अब छोड़ रहे नौकरी, कंपनी ने दिया नई भर्ती का इश्तेहार
12-Feb-2022 6:16 PM
इंजीनियर भी बेच रहे थे शराब, अब छोड़ रहे नौकरी, कंपनी ने दिया नई भर्ती का इश्तेहार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 12 फरवरी। दो साल पहले प्रदेश में सरकारी शराब दुकानों में सेल्समैन, और मैनेजर बनने के लिए बेरोजगार युवाओं ने होड़ लग गई थी। प्लेसमेंट कंपनी के जरिए हुई भर्ती में साढ़े चार सौ लोगों को नियुक्ति दी गई थी। इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिग्रीधारी युवक भी शामिल थे। लेकिन अब इन दुकानों में  काम करने वालों का टोटा हो गया है। तीन से चार महीने में प्लेसमेंट कंपनी कर्मचारियों की तंगी से जूझ रही है कि आए दिन नौकरी छोडऩे वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। मजबूरन कंपनी को एक माह पहले नई भर्ती के लिए इश्तेहार जारी करना पड़ा है, लेकिन इसके बाद भी कोई फायदा नहीं हो सका है। कंपनी को नए कर्मचारी नहीं मिल सके हैं। लोगों ने कंपनी में ज्वाइनिंग लेकर शराब बेचने के काम में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई है। एक समय नौकरी पाने के लिए होड़ मचने की स्थिति रही थी। बेरोजगार युवकों ने नौकरी पाने के लिए कंपनी की शर्त पर तीस से पचास हजार रुपये तक के डीडी भी जमा कराए थे। लेकिन अब हालात कुछ उल्टे हो गए हैं। प्लेसमेंट कंपनी एटूजेड के सूत्र ने बताया है, जितनी संख्या में युवकों की भर्ती हुई थी अभी उसमें से 30 फीसदी कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं। एक प्रतिष्ठित अखबार में इश्तेहार देने के बाद 30 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन नियम व शर्त देखने के बाद केवल तीन कर्मचारियों ने ही नौकरी करने फैसला किया। बाकी लोगों ने किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखाई। रायपुर जिले के तकरीबन 70 दुकानों के लिए कंपनी ने दो साल पहले प्लेसमेंट कैंप आयोजित कर नियुक्तियां की थी। इनमें से डिग्री और योग्यता के आधार पर सेल्समेन, सुपर वाइजर और फिर फील्ड मैनेजर के पद पर नौकरी दी गई थी। सूत्र का दावा है कंपनी में फील्ड मैनेजर के सारे पद हटा दिए गए हैं। इन पदों पर भर्ती होने वाले कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी है, जबकि आबकारी के निर्देश पर कर्मचारी हटा दिए गए हैं। दुकानों में शराब बिक्री की रकम में हिसाब गड़बड़ाने के बाद भी कई कर्मचारी संदेह के दायरे में घिरे हैं, ऐसे में रिकवरी करने के बाद आबकारी ने कर्मचारियों का नाम ब्लेक लिस्टेड किया है।

गबन-नुकसान का खर्च कर्मचारियों से

प्लेसमेंट कंपनी के भर्ती शर्तों के मुताबिक पिछले डेढ़ से दो साल में दुकानों में रुपयों की हेराफेरी की स्थिति सामने आने के बाद इसकी वसूली कर्मचारियों से की गई है। कई कर्मचारियों के खिलाफ में शिकायत दर्ज कराकर थानों में गबन का मामला दर्ज कराया गया है, इसलिए भी प्लेसमेंट की नौकरी के लिए जरूरतमंद युवकों ने दूरियां बढ़ाई है।

ओवर रेट बंद, कमाई रूकने का असर

दुकानों में कर्मचारियों की छंटनी और नौकरी छोडऩे के पीछे यह भी माना जा रहा है कि अब ओवर रेट का खेल खत्म हो चुका है। आबकारी के वरिष्ठ अफसरों के सख्त निर्देश के बाद दुकानों में शराब के लिए तय कीमतों से अधिक राशि वसूल करने पर सर्किल अफसरों पर भी कार्रवाई के निर्देश हैं। ऐसे में ऊपरी कमाई रूकने के बाद कर्मचारियों में हडक़ंप मचा हुआ है।

हर दुकानों में महीने नुकसान लाख पार

आबकारी विभाग की ऑडिट शुरू होने के बाद ज्यादातर दुकानों में एक से सवा लाख रुपये तक का नुकसान बताया गया। हालांकि शर्त के मुताबिक कंपनी ने इसकी भरपाई कर दी। कर्मचारियों के बीच टूट फूट का हिसाब हर दिन हजारों में है।

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