रायपुर
![मंदिरों में हर-हर महादेव गूंज रहा मंदिरों में हर-हर महादेव गूंज रहा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722249037SC_0971a.jpg)
सावन का दूसरा सोमवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जुलाई। सावन के दूसरे सोमवार को शिवमंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तगण सुबह से मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, धतुरा फूल दूध दही से जलाभिषेक किया। शहर में कई जगहों पर शिवभक्त कांवर लेकर महादेवघाट स्थित हटकेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन कर बोल-बम और हर-हर महादेव के जयघोष लगाते रहे।
इधर मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं, युवतियां व बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। शहर के प्राचीन शिवालय बुढ़ापारा, रायपुर स्थित हटकेश्वर मंदिर, और छोटे-बड़े सभी मंदिरों में दिन भर भक्तों को तांता लगा रहा। भक्त बेलपत्र, धतुरा, फूल समेत अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना की। बताया जा रहा है कि इस बार सावन महीने में 5 सोमवार भक्त शिवजी की आराधना करेंगे। इसे व्यापारिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यों के लिए भी शुभ माना जा रहा है।
सावन में बेलपत्र, धतुरा की मांग बढ़ी: सावन का महीना आते ही भोले को प्रिय धतुरा का मिलना विरल हो गया है। और इसकी कोई खेती भी नहीं करता हैं। इसके पौधे जादातर मैदानी इलाकों और सडक़ों के किनारे होते हैं। मांग अधिक होने के कारण बाजार में इनके दाम बड़ गए हैं।
फूल विक्रेताओं ने बताया कि लोग पहले मंदिरों में जाने वालेे पहले नारियल फूल लेकर जाते थे। गेंदा मोंगरा जैसे फूल बिक जाते थे। लेकिन अब इन फूलों के खरीदार कम हो गए हैं। अब रोज पूजा करने आये लोग शंकर जी की पूजा के लिए धतुरा, बेलपत्ता, फूडहर फूलों की मांग करते हैं। जो की भगवान शिव का प्रिय फूल माना जाता है। इनकी मांग ज्यादा होने से फूलों की बिक्री बढ़ गई है। अब एक रूपए का धतुरा फल दस रूपए में एक बिक रहा है बेलपत्ता के दाम 100-150 रूपए किलो हो गए है। हर साल सावन में फूलों की खरीदारी बढऩे से अच्छा खासा मुनाफ हो जाता है।
धतूरा राहु का सूचक, बेलपत्र औषधि भी
ऐसा कहा जाता है कि महादेव ने शरीर में हलाहल विष की जलन को शांत करने के लिए बिल्व पत्र खाया था। वास्तव में बेल पत्र में भी कई औषधीय गुण होते हैं। बेल पत्र की तासीर ठंडी होती है और इसका इस्तेमाल डायबिटीज, हाइपरटेंशन कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों से लेकर पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए भी किया जाता है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार, धतूरे में मौजूद औषधीय गुण घाव को ठीक करने और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने जोड़ों के दर्द और सूजन में फायदेमंद, है। धतूरा को राहु का सुचक माना जाता है। भक्त जीनव में आने वाले राहु बाधा को दूर करने सावन सोमवार को शिव को धतूरा अर्पित करते हैं।