सरगुजा
दोषी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर हो अपराध दर्ज, आंदोलन- चक्काजाम की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर, 29 मार्च। बीते दिनों लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिता को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया, जिसे अपनी सात साल की बेटी की लाश लेकर पैदल घर जाना पड़ा। पिता ने घर तक 10 किमी की दूरी लाश को कंधे पर रख कर तय की। प्रदेश से लेकर देश में उस पिता एवं परिजनों के लिए काफी संवेदना भी व्यक्त की जा रही है। मंगलवार को भाजपा सरगुजा प्रभारी ज्योतिनंद दुबे भाजपा पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के साथ अमदला पहुंच पीडि़त परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया। उन्होंने दोषी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर अपराध दर्ज नहीं होने पर उग्र आंदोलन एवं चक्काजाम करने की चेतावनी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य प्रबंधन मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए घटनाक्रम के संबंध में जानकारी ली। पीडि़त परिवार को कहा कि दोषी चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों पर अपराध दर्ज करने और कार्रवाई करवाने तथा आपको न्याय दिलाने के लिए हमको सडक़ पर उतरना पड़े तो सडक़ पर उतरेंगे और हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
अमदला निवासी ईश्वर दास ने भाजपा पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं को बताया कि 2 दिनों से उसकी 7 वर्षीय पुत्री सुरेखा दास बीमार थी, 25 मार्च शुक्रवार की सुबह लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहाँ बिना जांच किये उपचार किया गया और उपचार के 15 मिनट बाद बालिका की मौत हो गई। पीडि़त परिवार के द्वारा शव ले जाने शव वाहन की मांग की गई। अस्पताल कर्मियों द्वारा रोते बिलखते परिवार को डांट डपट करते हुए अपने वाहन व्यवस्था के माध्यम से बालिका का शव ले जाने को कहा गया। जिसके बाद पिता अपने पुत्री की लाश को कंधे पर उठाकर अपने घर के लिए निकल पड़ा।
पीडि़त परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि मेरी पुत्री की मौत नहीं हत्या हुई है, उसका गलत उपचार के दौरान मौत हुई है, अगर कोई योग्य डॉक्टर उपचार करता तो संभवत: मेरी बच्ची की जान बच सकती थी, परंतु गलत उपचार करने का कारण मौत होना बताया जा रहा है। दोषी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों पर पर प्रथम दृष्टया अपराध दर्ज कर उन्होंने कठोर से कठोर कार्रवाई किया जाए।
वहीं दूसरे दिन भी अस्पताल में लापरवाही हुई। शुक्रवार की रात 12 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए भर्ती गर्भवती को ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों के द्वारा सुध नहीं लिया गया था। 26 मार्च दिन शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई थी। शिशु की मौत होने के उपरांत शव वाहन 3 घंटे उपलब्ध नहीं हो पाया था। भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद नवजात शिशु के शव ले जाने तहसीलदार सुभाष शुक्ला के द्वारा शव वाहन व्यवस्था कर शव भिजवाया गया। इन दोनों मामलों में ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों ने अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरती गई।
बताया गया कि आनन-फानन में सीएमएचओ के द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रभारी बीएमओ पीएस केरकेट्टा को हटाकर रायपुर प्रवास रहे डॉ . रूपेश गुप्ता को प्रभारी बीएमओ बना दिया गया। जबकि मौका पर रूपेश गुप्ता के द्वारा यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विगत 2 दिवस से बिना जानकारी के रायपुर पीजी के लिए रवाना होना सीएमएचओ के द्वारा बताया गया। जबकि प्रथम दृष्टया ड्यूटी पर तैनात रूपेश गुप्ता के ऊपर निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए थी, जिसकी मांग पीडि़त पक्ष से लेकर विपक्ष के नेताओं के द्वारा भी की जा रही है।
ड्यूटी डॉक्टर रहे नदारद, आरएमए ने बच्ची का किया उपचार, मौत
ड्यूटी चार्ट के आधार पर गुरुवार की सुबह 8 से शुक्रवार की सुबह 8 बजे तक डॉ. रूपेश गुप्ता की ड्यूटी लगाई गई थी परंतु डॉ रूपेश गुप्ता की अनुपस्थिति मे आरएमए विनोद भार्गव के द्वारा बच्ची का उपचार किया गया था।
भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू के द्वारा इस संबंध में कहा गया कि दोनों मामलों में दोषी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में अस्पताल का घेराव करते हुए चक्काजाम उग्र आंदोलन किया जाएगा।
आप करेगी चक्काजाम
आम आदमी पार्टी के संगठन महामंत्री रामेश्वर विश्वकर्मा के द्वारा कहा गया कि दोषियों पर कार्रवाई तथा अपराध दर्ज नहीं होने की स्थिति में गुरुवार को आम आदमी पार्टी चक्काजाम करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेगी।