सरगुजा

कोई नया कर नहीं, साढ़े 4 अरब का बजट पेश
30-Mar-2022 8:37 PM
कोई नया कर नहीं, साढ़े 4 अरब का बजट पेश

अंबिकापुर निगम बजट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 30 मार्च।
बुधवार को राजमोहिनी भवन में आयोजित नगर निगम की सामान्य सभा में महापौर डॉ. अजय तिर्की ने प्रस्तावित वित्तीय वर्ष वर्ष 2022 -23 के लिए लगभग साढ़े 4 अरब का बजट पेश किया है। प्रस्तावित बजट 2022 -23 में आय के विरुद्ध राशि रुपए 28 लाख 95 हजार अधिक व्यय का बजट प्रस्ताव मेयर इन काउंसिल द्वारा सर्वसम्मति से अनुशंसा की गई है। प्रस्तुत इस बजट में जनता पर कोई नया भार न देते हुए कई विकास कार्यों व योजनाओं को शामिल किया गया है, जिसमें शासन से राशि मिलने की उम्मीद जताई गई है। वहीं कई मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही।

सामान्य सभा में एक बार फिर विपक्ष ने अमृत मिशन योजना अंतर्गत उसके संधारण मरम्मत को लेकर निकाली गई निविदा पर हंगामा मचाया। इसके साथ-साथ शहर में हुए अवैध निर्माण पर दिए गए नोटिस व कार्रवाई पर भी भेदभाव का आरोप लगाते हुए पुराने बस स्टैंड में 41 लोगों को बसाए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। स्थिति यहां तक बन गई कि सत्ता पक्ष के एक पार्षद ने सदन में ही गरीबों का घर तोडऩा बंद करो जैसे नारे विपक्षी पार्षद को इंगित करते हुए लगा डाले। पूरे दिन कई मुद्दों पर पक्ष विपक्ष के हंगामे के बाद महापौर डॉ अजय तिर्की ने वर्ष 2022-23 में 28 लाख 95000 घाटे का बजट प्रस्तुत किया।

सामान्य सभा की शुरुआत में ही अमृत मिशन में संधारण मरम्मत को लेकर निकाली गई निविदा को लेकर विपक्षी पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने सत्ता पक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना के तहत संधारण मरम्मत का कार्य पूर्णता की तिथि से 5 वर्ष तक ठेकेदार को ही करना था, परंतु अभी 3 वर्ष पूरे नहीं हुए, फिर भी निविदा क्यों निकाली गई ?

मामले में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर लोक निर्माण विभाग के प्रभारी शकील अहमद ने इसका जवाब देते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार का आरोप है तो इसे प्रमाणित करें। श्री अहमद ने दावा किया कि मामले में जो भी शिकायत होगी उसकी जांच होगी और दोषी पर जरूर कार्रवाई होगी, इसके लिए एक जांच कमेटी भी बढ़ा दिया जाए और पार्षद मधुसूदन शुक्ला को भी कमेटी में शामिल किया जाए।

शहर में अवैध निर्माण को लेकर विपक्षी पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि विगत 2 साल में 240 अवैध निर्माण को नोटिस जारी किया गया है, परंतु 17 स्थानों पर कार्यवाही कर निर्माण को तोड़ा गया है।

श्री दुबे ने सवाल उठाते हुए कहा कि 240 अवैध निर्माण को किस कारण से पेंडिंग करके छोड़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी सेटिंग भवन शाखा की है। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के मकान को तोड़ा नहीं गया।
इस सवाल और आरोप के जवाब में लोक निर्माण विभाग के प्रभारी श्री अहमद ने कहा कि सबसे कम नोटिस जारी करने का कार्यकाल यही होगा अवैध निर्माण का कार्य नगर पंचायत के समय से हो रहा है, विसंगति पूर्ण मास्टर प्लान भी पहले से ही बनाया गया था, दूसरी ओर निगम की टीम अगर कहीं कार्रवाई पर जाती है तो पार्षदों के माध्यम से ही दबाव बनाया जाता है।

श्री अहमद के जवाब के बीच विपक्षी पार्षदों के द्वारा रोक टोक किए जाने पर श्री अहमद ने कहा कि सत्ता पक्ष अगर किसी सवाल का जवाब दे रहा है तो विपक्ष को भी सम्मान करना होगा और उसे सुनना होगा।

इस मुद्दे को लेकर सामान्य सभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही। इस दौरान सत्ता पक्ष के ही पार्षद सतीश बारी ने सदन में गरीबों का घर तोडऩा बंद करो, जैसे नारे भी लगा डाले। श्री अहमद ने कहा कि जो 17 निर्माण कार्य पर कार्रवाई की गई है उसकी सूची उपलब्ध करा दी जाएगी।

इसी मुद्दे को लेकर पार्षद आलोक दुबे ने ट्रांसपोर्ट नगर में किए जा रहा है अवैध निर्माण से हटाए गए 41 लोगों को पुराना बस स्टैंड में बसाए जाने का जवाब मांगा। इसके साथ-साथ यह भी आरोप लगाया कि जिन 41 लोगों को वहां बसाया गया है वह सभी एक वर्ग के लोग हैं।

जवाब में महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि कोरोना काल में व्यवसायियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। व्यवस्थापन के तहत शासन से मार्गदर्शन और आदेश के बाद बेरोजगार हो चुके व्यवसायियों को अस्थाई रूप से पुराने बस स्टैंड में जगह दी गई है, जहां तक निगम के द्वारा एक वर्ग को प्राथमिकता दिए जाने का सवाल है, उस पर महापौर ने कहा कि हमारे द्वारा चौपाटी सहित कई ऐसे स्थान है जहां बेरोजगार लोगों को स्थान दिया गया है।

कोरोना संकटकाल में सभी व्यवसायी परेशान हो चुके हैं। ऐसे में जो लोग बेरोजगार हो चुके हैं उन्हें कई जगह व्यवस्थापन के तहत उनकी मदद की जा रही है। उन्होंने शासन के द्वारा जारी किए गए आदेश को भी आगामी सामान्य सभा में रखने  की बात कही।

शहर जानता है कि मैंने किसी से भेदभाव नहीं किया- सफी
पुराना बस स्टैंड में किसी एक वर्ग को दुकान प्रदान किए जाने की बात पर लोक निर्माण विभाग प्रभारी सफी अहमद ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि इसे जाति के चश्मे से न देखें। किसी भी बेरोजगार को अगर रोजगार किए जाने का अवसर दिया गया है तो उससे उसका पेट चल रहा है। वैसे भी वहां उन्हें अस्थाई रूप से दुकान दिया गया है ना कि परमानेंट किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे पार्षद आलोक दुबे से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं। पूरा शहर जानता है कि मेरे मन में किसी के लिए कोई भेदभाव नहीं है। आगामी सदन में वहां बसाए गए सभी नामों को सामने रखा जाएगा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news