गरियाबंद

जिला बनाने की मांग पकड़ रही जोर, जनप्रतिनिधि आए सामने
25-Apr-2022 4:11 PM
जिला बनाने की मांग पकड़ रही जोर, जनप्रतिनिधि आए सामने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 25 अप्रैल।
प्रदेश में 36 जिला होने की सुगबुगाहट पर राजिम को जिला बनाने की मांग एक बार फिर उभरकर सामने आई है। ये मांग कई सालों से की जा रही है। राजिम से छोटी-छोटी जगह जिला बन गया पर राजिम की बारी अब तक नही आई।
दो बार के सांसद और एक बार मंत्री पद को सुशोभित करने वाले छत्तीसगढ़ के माने हुए बाल ब्रम्हचारी संत पवन दीवान शुरू से ही चाहते थे कि राजिम जिला बन जाए वे तर्क भी देते थे कि देश के जितने भी तीर्थ स्थल है चाहे वह हरिद्वार, नासिक, इलाहाबाद, उज्जैन क्यों न हो ये सब जिला है। तो राजिम भी छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से ख्याति प्राप्त किया हुआ है। पूरे प्रदेश के लोग बहुत ही आस्था और श्रद्धा के साथ तीन नदियों के संगम में डुबकी लगाने पहुंचते है। यहां अस्थि विसर्जन करने आते है। भगवान श्री राजीव लोचन और कुलेश्वर नाथ महादेव यहां विराजमान है। वनगमन के समय भगवान श्री राम चंद्र जी,माता जानकी जी यहां लोमश ऋषि आश्रम में ठहरे हुए थे। संत पवन दीवान जी का तीन सपना था। पहला छत्तीसगढ़ राज्य।

इस मांग को उन्होने सांसद रहते हुए संसद भवन में सबसे पहले उठाया। अटल बिहारी वाजपेयी जी के दिमाग में यह बात बैठ गइ और आगे चलकर उन्होने छत्तीसगढ़ राज्य दे दिया। दूसरा सपना था चंद्रखुरी में मां कौशल्या का मंदिर बने इस मांग को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरा किया और तीसरा सपना उनका राजिम को जिला के रूप में देखने को रही है। राजिम क्षेत्र के सारे स्थानीय नेता चाहते है कि राजिम को उनका असली हक जिला के रूप में मिले। यहां के लोगो को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर पूरा भरोसा है कि संत पवन दीवान के सपनो को वे अवश्य ही अपने इसी कार्यकाल में पूरा करेंगे। राजिम के लोगो को उस समय झटका लगा था जब नए जिले का गठन हुआ तब रायपुर जिला से इसे नए जिले गरियाबंद में जोड़ दिया गया इससे राजिम को कोई लाभ नही मिला क्योंकि रायपुर से राजिम की दूरी 45 किमी तब भी रही है और गरियाबंद में जोडऩे के बाद भी दूरी राजिम से गरियाबंद 45 किमी है। बता दे कि राजिम को जिला बनाने की मांग पिछले 30 सालों से हो रही है परंतु अभी तक इस दिशा में किसी भी मुख्यमंत्री ने ध्यान नही दिया। इस बहुप्रतीक्षित मांग को जनता अब जोश खरोश के साथ कर रही है। जनप्रतिनिधि इस मांग को लेकर उदासीन जरूर है जिसके चलते राजिम का नंबर अभी तक नहीं लगा है और देखते ही देखते छत्तीसगढ़ में 16 से 32 जिला हो गए। अब खैरागढ़ 33 वां जिला बन चुका हैं।

नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा-जितेंद्र सोनकर ने कहा कि राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहा जाता है । जिला बनने से यहां सुविधाएं बढ़ेगी लोगो को रोजगार का साधन मिलेगा। दोनो शहर राजिम और नवापारा को मिलाकर जिला अवश्य बनाना चाहिए। राजिम संगम में पिंड दान करने प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचते है उन्हें उस तरह से सुविधाएं नही मिल पा रही है जो मिलना चाहिए। जिला बनने से ये संभव होगा।

अधिवक्ता महेश यादव ने कहा कि राजिम जिला के लिहाज से सर्वथा उपयुक्त है, जिसके लिए समय-समय पर इस क्षेत्र के लोगों ने आंदोलन किया है। बताया कि एक खाका तैयार किया गया था जिसमें राजिम, नवापारा , मगरलोड ब्लाक के कुछ गांव , चंपारण तक के क्षेत्र को जोड़ा गया है। पूर्व में अधिवत्ता संघ राजिम के बैनर तले क्षेत्र के लोगों के अलावा, नवापारा, मगरलोड ब्लाक के तत्कालीन सरपचों के द्वारा अपनी सहमति प्रदान करते हुए आंदोलन में भाग लिए थे। राजिम जिला बन जाने से इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा। आज भी राजिम को जिला बनाने के लिए यहां की जनता हर मुमकिन उपाय कर रहे हैं, राजनीति से ऊपर उठते हुए सभी दलों के नेता एकजुट होकर मांग करेंगे, जरूरत पडऩे पर आंदोलन करेंगे तो हर हाल में राजिम जिला बन सकेगा।


नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष पवन सोनकर ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ राज्य सन 2000 में बना तो वे संत पवन दीवान के पास आश्रम में बैठे हुए थे उनके आदेश पर वे फटाका फोड़े थे। संत जी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ राज्य बन गया अब राजिम को जिला बनने से कोइ नही रोक सकेगा। पवन सोनकर ने कहा कि राजिम जिला बनने का हक रखता है जिला बनने से यहां सुविधाएं बढेंगी आम जनता को सहुलियत होगा। लोगो को रोजगार मिलेगा,व्यापार व्यवसाय फलेगा फुलेगा।

अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष हिमांशु दुबे ने कहा कि राजिम का जिला बनना हर कार्य के लिए आवश्यक हो गया है क्योंकि राजिम पर्यटन और धर्म के लिए पूरे भारत में अलग पहचान रखता है और वर्तमान में राजिम क्षेत्र के कृषकों और बच्चों को हर कार्य हेतु या गरियाबंद जाना पड़ता है या रायपुर। राजिम में केवल व्यवहार न्यायालय है। अगर राजिम जिला बनता है तो यहाँ जिला एवं सत्र न्यायालय की तत्काल स्थापना हो जाएगी जिससे राजिम और आसपास के लोंगो को सुलभ और सुगम न्याय राजिम में ही मिलने लगेगा और न्यायालय से संबंधित सारे कार्य राजिम में ही संपादित होंगे।

कांग्रेस नेता सुनील तिवारी ने कहा कि राजिम-नवापारा छत्तीसगढ़ का पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक ,पुरातात्विक महत्व का स्थान है। इसकी महत्ता पूरे प्रदेश के साथ-साथ देश में भी एक अलग महत्व रखता है। आज देश में जितने भी पौराणिक धार्मिक स्थल है अधिकतर जिला या संभाग के रूप में अपना स्थान रखते हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयाग राज के नाम से विख्यात राजिम  को जिला बनाने से यहां कृषि राजस्व एवं व्यापारिक दृष्टि से अधिक विकास करेगा, यहां के पब्लिक को उल्टा दूरी का सामना करना पड़ता है शिक्षा स्वास्थ्य अनेक विभागों के लिए भटकना पड़ता है भौगोलिक दृष्टि से भी राजिम को जिला बनाना उचित रहेगा, मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि राजिम प्रयागराज को जिला बनाने की कृपा करें। कहा कि यहां 2-3 ब्लॉक को मिलाकर जितने भी वरिष्ठ राजनीतिक सामाजिक व्यापारिक दृष्टि से एक साथ मिलकर समिति बनाकर मुख्यमंत्री से मिलकर जिला बनाने के लिए आग्रह करना चाहिए।


जिले के वरिष्ठ भाजयुमो नेता विकास साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ का राजिम देश ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर अपनी अनेक विशेषताओं के फलस्वरूप सुविख्यात है विशेषकर इतिहासकारों के अनुसार यहां का पुरातात्विक ,भौगोलिक ,प्राकृतिक महत्व अत्यंत मनोरम होने के साथ ही सैकड़ों ऐतिहासिक मंदिर से सुसज्जित है। अनेकों धार्मिक सांस्कृतिक विरासत के कथा-कहानियों को समेटे इस धर्म नगरी को जिला अवश्य बनाान चाहिए।
राजिम क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं जिला सतनामी समाज के वरिष्ठ संरक्षक मुन्ना कुर्रे ने कहा कि राजिम धर्म नगरी कहलाता है राजिम में सदियों से मेला लगता चला आ रहा है जिसके नाम से पूरे विश्व में एक अलग पहचान है। राजिम जिला बनना चाहिए।
राजिम-नवापारा सहित आस-पास के तमाम गांव के लोगो को एक साथ मिल बैठकर सामंजस्य बनाकर जिला बनाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल बनाया जाना चाहिए। चंूकि राजिम जिला बनने के लिए उपयुक्त हैं और राजिम का हक भी हैं।


जिस तरह से पूरे प्रदेश में राजनीतिक हल्को में ये चर्चा जोर पकड़ी हुई है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहचान 36 जिलो से होना है इस लिहाज से तीन जिला और बनना है। राजिम क्षेत्र की जनता लंबे समय से कांग्रेस पर विश्वास किया है। राजिम विधानसभा क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित करने वाले पं श्यामाचरण जी शुक्ल के परिवार के ऊपर राजिम क्षेत्र के लोगो ने भरपूर विश्वास किया है। सिकासार जलाशय पं शुक्ल की देन है। उनके बेटे अमितेष शुक्ल के ऊपर भी क्षेत्र के लोगो का भरोसा कायम है। पिछले चुनाव में 58132 वोटो से जीताकर उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा में भेजे है। क्षेत्र की जनता चिंतन कर रही है की भगीरथ प्रयास करने वाले शुक्ल परिवार क्या? राजिम को जिला बनाने के लिए प्रयास नही करेंगे? वे अपने हर सभाओं में कहते है कि पूरा राजिम विधानसभा क्षेत्र उनका परिवार है। अतएव परिवार की यह मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक अवश्य पहुंचनी चाहिए।

रराजिम और नवापारा दोनों शहर व्यापार के दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्ध है तथा दोनों तहसील मुख्यालय भी है। दोनों शहर की आबादी को मिला दिया जाए तो एक लाख की जनसंख्या को कवर करती है फिंगेश्वर ब्लाक के 72 पंचायत और अभनपुर ब्लाक के 70 पंचायत तो है ही इसके अलावा आरंग ब्लाक और मगरलोड सहित छुरा ब्लाक के पंचायतो को इसमें मिलाया जा सकता है। तो अपने आप में एक बड़ा क्षेत्र स्पष्ट रूप से हो जाएगा। हर दृष्टिकोण से राजिम जिला बनने के लायक है परंतु अभी तक अस्तित्व में नहीं आना चिंता का विषय बन गया है। कहना न होगा कि क्षेत्र के नेता राजिम को जिला बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाते हुए नहीं दिख रहे हैं जिससे यहां की जनता खासे नाराज है। गांव के चौपालों से लेकर शहर की गलियों तक तरह-तरह की बातें हो रही है। जो आगामी विधानसभा चुनाव में उभरकर स्पष्ट रूप से सामने आ सकती है।
लोग राजिम को जिला बनाने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी संदेश पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे मामले पर तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दोनों शहर तथा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए परंतु उनकी बेरुखी पर भडक़ी जनता सीधे विधानसभा चुनाव में बटन दबाकर अपना  रोष जाहिर कर सकती है। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों,सामाजिक कार्यकर्ताओं से चर्चा किया गया तो कइ लोगो ने कहा कि कका अभी जिंदा है, भूपेश है तो भरोसा है। ऐसा विश्वास जाहिर किया है।

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