गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 29 अप्रैल। नवागांव में नाई समाज द्वारा अपने ईष्ट देव संत शिरोमणी नंदा सेन जी महाराज की 722 जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ संत शिरोमणि नंदा महाराज की आरती के साथ हुआ।
हुमेश सेन ने बताया कि संत शिरोमणी नंदा सेन जी महाराज की जन्म बैशाख माह के कृष्ण पक्ष के द्वादशी को हुआ। उनके पिता चंद्र सेन,माता पद्मा जी एवं उनके गुरु रामानंद जी महाराज थे। जिसमे संत नंदा सेन जी महाराज 12 विशेष शिष्यों में स्थान रखते थे।
उन्होंने आगे बताया कि संत शिरोमणी नंदा जी महाराज भगवत भक्ति में विश्वास करते थे,विष्णु जी की पूजा करते थे ।संतों की सेवा करते हुए दीन दुखी की सेवा को अपना धर्म मान कर चलते थे।जब नंदा जी संत सेवा में और भजन कीर्तन में व्यस्त हो गए और राज दरबार में हाजिर न हुआ तब एक बार स्वयं भगवान विष्णु नंदा जी का रूप धारण करके राजा की सेवा में हाजिर हो गया था। मेरे कारण मेरे भगवान को आना पड़ा ये सोचकर बहुत पछतावा हुआ था।
जबकि राजा जय सिंह आनंदित हो गए और रोग मुक्त हो गए। उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटना क्रमों को समाज के लोगों को बताया।
कार्यक्रम के अंत मे प्रसाद वितरण किया गया।