बलरामपुर
ईई ने टीआई को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज,12 मई। जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक 2 रामानुजगंज में बहुचर्चित मनरेगा घोटाला जिसमें तत्कालिक कार्यपालन अभियंता सहित अन्य लोगों के विरुद्ध रामानुजनगंज थाने में मामला पंजीबद्ध हुआ था, अब उसी मामले में पुन: कार्यपालन अभियंता ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सुजीत कुमार गुप्ता उप अभियंता व सुरेंद्र कुमार सिंह कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
इस संबंध में सब इंस्पेक्टर मनोज सिंह ने बताया कि कार्यपालन अभियंता की ओर से शिकायत प्राप्त हुई है, जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता के द्वारा थाना प्रभारी को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया है कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से सन 2017 में स्वीकृत देवीगंज जलाशय के बेस्ट बीयर और सुलूस मरम्मत कार्य विकासखंड रामचंद्रपुर एवं ककनेशा जलाशय के पुलिया सह तटबंध निर्माण कार्य विकासखंड वाड्रफनगर में की गई अनियमितताओं के लिए मुख्य रूप से सुजीत कुमार गुप्ता उप अभियंता व सुरेंद्र कुमार सिंह ऑपरेटर प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत होते हैं। कार्यालय के द्वारा अवलोकन में सुजीत कुमार गुप्ता उप अभियंता एवं सुरेंद्र कुमार सिंह ऑपरेटर के द्वारा मनरेगा में की गई अनियमितताओं में संदिग्ध गतिविधियों प्रमाणित होती है, जिसमें कुल राशि ककनेशा में 1745655 रुपए व देवीगंज में 682019 राशि व जांच उपरांत अन्य अनियमितता भी सामने आई है।
कार्यपालन अभियंता ने थाना प्रभारी को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया है कि अब तक इन लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शासन की लाभकारी योजनाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है। कार्यपालन अभियंता ने दोनों की विरुद्ध तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
उप अभियंता के विरुद्ध गंभीर आरोप
उप अभियंता सुजीत कुमार गुप्ता के विरुद्ध विभाग के ही 5 एसडीओ एवं 7 उप अभियंताओं ने बैठक आयोजित कर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें सुजीत कुमार गुप्ता के द्वारा अनुविभागीय अधिकारीयो को बिना जानकारी के कार्यपालन अभियंता से संपर्क स्थापित कर अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति में लगे रहने एवं चार उप संभागों में कार्य करने एवं अपने सहयोगी को अपमानित करने का भी गंभीर आरोप लगाया था।
मनरेगा घोटाला जब हुआ था, उस समय तत्कालिक कार्यपालन अभियंता के द्वारा सुजीत कुमार गुप्ता के संदिग्ध गतिविधि एवं मनरेगा घोटाले में संलिप्तता को लेकर 4 सदस्य कमेटी का गठन किया था।