दुर्ग
दुर्ग, 21 मई। हेमचंद यादव विष्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 143 महाविद्यालयों के प्राचार्यों की ऑनलाईन बैठक लीं। बैठक में डॉ. पल्टा ने नये शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम वर्ष में प्रवेष, शोध छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण, विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में मूल्यांकन प्रक्रिया तथा एनएसएस कैम्प हेतु शासन द्वारा राशि में की गई वृद्धि आदि बिन्दुओं की विस्तार से जानकारी दीं।
यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक के दौरान कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप, विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, अपर संचालक उच्च शिक्षा, डॉ. सुशीलचन्द्र तिवारी सहित 143 महाविद्यालयों के प्राचार्य ऑनलाईन रूप से उपस्थित थें।
बैठक के आरंभ में सभी प्राचार्यों का स्वागत करते हुए डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बैठक का एजेण्डा प्रस्तुत किया तथा विश्वविद्यालय में नये वित्त अधिकारी, सुशील गजभिये की नियुक्ति संबंधी जानकारी समस्त प्राचार्यों को दी। बैठक में बिन्दुवार विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कुलपति, डॉ. पल्टा ने कहा कि जब तक उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अकादमिक कैलेण्डर तथा सत्र 2022-23 हेतु प्रवेश के मार्गदर्शीय सिद्धांत जारी नहीं कर दिये जाते तब तक कोई भी शासकीय अथवा निजी महाविद्यालय स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम वर्ष में प्रवेष की प्रक्रिया आरंभ न करें। डॉ.़ पल्टा ने विषेष रूप से निजी महाविद्यालयों से आग्रह किया कि प्रवेष संख्या बढ़ाने की होड़ में वे कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे शासन के आदेषों का उल्लंघन होता हो।
डॉ. पल्टा ने प्राचार्यों को बताया कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 15 से अधिक शोध केन्द्र हैं। इन सभी शोधकेन्द्रों को निर्देशित किया जाता है कि वे किसी भी संकाय में शोधरत् छात्र-छात्रा को उसकी आवष्यकता के अनुरूप प्रयोगशाला का उपयोग, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब तथा अन्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करें। डॉ. पल्टा ने कहा कि शोध छात्र-छात्राओं से उन्हें लगातार शोधकेन्द्रों में आ रही परेषानियों की शिकायत मिल रही है। सभी प्राचार्य अपने-अपने शोधकन्द्रों के रिसर्च गाइड तथा रिसर्च स्कॉलर की बैठक लेकर उनकी समस्याओं का निराकरण करें।
विश्वविद्यालय में चल रही वार्षिक परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य को गंभीरता पूर्वक संपादित करने के निर्देष भी डॉ. पल्टा ने दिये। बैठक में उपस्थित अपर संचालक, उच्च शिक्षा डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि परीक्षा संबंधी समस्त कार्य जैसे- पेपर सेटिंग, मूल्यांकन,
वीक्षकीय कार्य आदि सभी प्राध्यापकों हेतु आवश्यक सेवा के अंतर्गत आते हैं।
अत: कोई भी प्राध्यापक बिना किसी ठोस कारण के परीक्षा संबंधी किसी भी कार्य को करने से मना न करें। बैठक के दौरान प्रष्न पुछकर शंका समाधान करने वालों में भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्य, डॉ. संध्या मदनमोहन, अग्रसेन महाविद्यालय, धनोरा की प्राचार्य, डॉ. रीता सुरी, शासकीय जेएलएन महाविद्यालय, बेमेतरा के प्राचार्य डॉ. चन्द्रवंषी, तथा विद्यापीठ की प्राचार्य शामिल थें।