बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 5 जुलाई । आदिवासी विकास विभाग के शासकीय वाहन को एक चपरासी के द्वारा चलाने का मामला सामने आया है।
बताया जाता है कि विभाग का वाहन चलाने वाला व्यक्ति न तो विभाग का वाहन चालक है और न ही उसे वाहन चलाने का कोई आदेश विभाग के द्वारा दिया गया है, वह एक दैनिक वेतन भोगी चपरासी के पद पर भर्ती एक कर्मचारी है। बावजूद इसके नियमों की अनदेखी कर चपरासी से वाहन चलवाया जा रहा है।
इस मामले में बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि इस विषय पर जांच करवानी पड़ेगी। यदि कोई व्यक्ति अपने मूल पदस्थापना में नहीं है, उसे कहीं संलग्न किया है। किन परिस्थितियों में संलग्न किया गया है, इसकी जांच करने के बाद जो भी उचित होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं विभाग के सूत्र बताते हंै कि विभागीय वाहन चालक भुवन लाल देवांगन वर्तमान में अपर कलेक्टर कार्यालय में वाहन चला रहा है, जबकि उक्त कर्मचारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी तोकापाल से 2015 में कलेक्टर आदिवासी विकास शाखा में पदस्थ किया गया था।
सूत्र यह भी बताते हैं कि आदिवासी विकास शाखा में भुवन लाल देवांगन का स्थानांतरण होने के बाद भी आज तक इनके द्वारा संबंधित विभाग की शासकीय वाहन को चलाया ही नहीं गया, इतना ही नहीं इस कर्मचारी का वेतन आदिवासी विकास शाखा से ही आहरण किया जाता है। अपर कलेक्टर कार्यालय में पहले से ही ड्राइवर होने के बावजूद भुवन देवांगन को ड्राइवर के पोस्ट के लिए अटैच करना समझ से परे है, जबकि संबंधित विभाग पहले ही ड्राइवर की कमी से जूझ रहा है। वहीं नियमों को ताक पर रखकर संबंधित विभाग द्वारा बिना किसी आदेश के विभाग के चपरासी से ही ड्राइविंग का कार्य करवाया जा रहा है।