गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 26 अगस्त। आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा (कोसमी) छुरा, गरियाबंद छत्तीसगढ़ में विज्ञान संकाय के द्वारा दिनांक 25 से 27 अगस्त तक तीन दिवसीय विश्व जल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। विश्व जल सप्ताह का थीम ‘सीन - द अनसीन एवम् जल संरक्षण’ पर आधारित है। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना एवम् सरस्वती वंदना के साथ किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने अपने वक्तव्य में जल है तो कल है का नारा देते हुए, जल की तीन क्षेत्रों जैसे घरेलू उपयोग, सिंचाई एवं कारखानों में जल का वृहत महत्व को बताया।
उन्होंने कहा कि जल का उपयोग इन क्षेत्रों में जितना होता है, उतना ही दुरुपयोग भी होता है अत: जल का उतना ही उपयोग करें जितना आवश्यक हो, व्यर्थ इनका दुरुपयोग ना करें। विश्वविद्यालय के अकादमिक ने अपने वक्तव्य में बताया कि जल आज प्रत्येक व्यक्ति की सबसे पहली और महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में केवल 0.1 प्रतिशत पानी ही पीने के योग्य है।
जल का संरक्षण आज प्रत्येक व्यक्ति का जिम्मेदारी होनी चाहिए। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने अपने वक्तव्य में कहा कि जल ही जीवन है, यह एक नारा या केवल पुस्तक तक ही सीमित नहीं होना चाहिएं, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। जल को लेकर अपने घरों में भी गंभीर रहना चाहिए तभी इस कार्यक्रम की सार्थकता पूरी होगी।
भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक ने अपने वक्तव्य में जल के महत्व को बताते हुए भारत सहित अलग अलग देशों में जल संरक्षण के विधियों एवम् परंपराओं का वर्णन किया।उन्होंने केरल में जल संरक्षण से जुड़े स्नेक बोट रेस परंपरा के बारे में बताया कि इस कार्यक्रम को केवल जल संरक्षण के उद्देश्य से किया जाता है। कार्यक्रम के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में विद्यार्थियों के लिए स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन बीएससी तृतीय छात्र एवं छात्रा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया । इस कार्यक्रम में सभी संकायों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवम् छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।