रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। डागा महाविद्यालय के सभा भवन में छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के तत्वाधान में हिंदी का लोकतंत्र पर एक व्याख्यान का आयोजन हुआ। जिसमें डॉक्टर केसरी लाल वर्मा कुलपति रविवि, डॉ. राम सुंदर दास अध्यक्ष राज्य गौ सेवा आयोग, सत्यनारायण शर्मा विधायक ग्रामीण एवं पूर्व मंत्री डॉ. साहित्यकार भागवत दुबे, सुशील त्रिवेदी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान डॉ. सुधीर शर्मा, अजय तिवारी अध्यक्ष बाल श्रम सुरेश शुक्ला की विशेष उपस्थिति रही। इस आयोजन में प्रमुख वक्ताओं ने कहा की हिंदी संपर्क और संवाद की भाषा है हिंदी ने देश को आजादी दिलाई और बताया कि की हिंदी में समावेशी करने की प्रवृत्ति है वही इन विद्वत जनों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं 75 वर्ष बाद हिंदी को वह स्थान नहीं मिल पाया है जो मिलना चाहिए था यहां तक कि देश का संविधान भी अंग्रेजी में लिखा गया है।
कुलपति डॉ. वर्मा ने कहा कि आज तमिलनाडु में सबसे ज्यादा हिंदी लोग सीखते हैं और बोलते हैं क्योंकि हिंदी संवाद की भाषा है। विश्व में प्रधानमंत्री को लोकप्रियता मिली है तो हिंदी की वजह से मिली हिंदी संप्रेषण की भाषा है। डॉ.राम सुंदर दास ने कहा कि अधिकांश भारतीय हिंदी बोलते हैं क्योंकि हिंदी एक सूत्र में जोडऩे का काम करती है सहज सरल अपनापन की भाषा हिंदी है। कार्यक्रम को डॉ. दुबे, विधायक शर्मा ने भी संबोधित किया।