रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 13 नवंबर। घरघोड़ा रेंज के ग्राम भेंगारी में लगभग 70 एकड़ वनभूमि पट्टा के बंदरबांट के आरोप लग रहे हंै। आरोप है कि 30 लोगों को विभाग से बिना जांचे ही पट्टा का आवंटन कर दिया गया, जिसमें कई जनप्रतिनिधि और अपात्र लोग शामिल हंै। शिकायत मिलने पर अफसरों ने जांच शुरू की है। इसके बाद 30 वनाधिकार पट्टों को संरक्षित किया गया है। जांच के बाद पात्र लोगों को पट्टा दिए जाने की बात कही जा रही है।
रायगढ़ जिले के घरघोड़ा ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम भेंगारी में सितंबर 2021 के तहत बने प्रस्ताव में 30 लोगों को तकरीबन 70 एकड़ जमीन वन अधिकार पट्टा देने की सहमति बनी।
गांव के ग्रामीणों के अनुसार इसके तहत पात्र हितग्राहियों को छोडक़र कई ऐसे अपात्र लोगों को विभाग ने आंख मूंदकर वन अधिकार पट्टा दे दिया। प्रशासन की अनदेखी के बाद मामला ग्रामीणों के माध्यम से मीडिया के संज्ञान में आया।
मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद विभाग ने जांच शुरू की है। शनिवार को टीम मौके पर जांच के लिए गई थी। घरघोड़ा वनविभाग के एसडीओ मनोज विश्वकर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता से हुई बातचीत में बताया कि यहां से आवंटित किए गए 30 वनाधिकार पट्टों को विभाग ने संरक्षित किया है। जांच के बाद केवल पात्र लोगों को ही पट्टा दिया जाएगा।
200 पेड़ों की कटाई कर जेसीबी से बनाया रास्ता
ग्रामीणों के अनुसार वनोपज से आजीविका चलाने के बजाए पिछले कुछ दिनों से जंगल में जेसीबी लगाकर दो सौ से अधिक छोटे बड़े हरे भरे पेड़ पौधों की बलि चढ़ा दी गई। समतलीकरण कर रास्ता बनाया जा रहा था। गांव के ग्रामीणों के अनुसार पेड़ कटाई में कुछ भू-माफिया भी शामिल हैं जो जंगलों को काटकर समतल कर रहे हैं ताकि आने वाले दिनों में इसे बेचा जा सके या फिर इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके।
जब मौके पर जांच के लिए टीम पहुंची तो अफसरों के सामने ही गांव वाले छत्तीसगढ़ी बोली में बोल रहे थे कि गांव में रहे बर घर नई ए आऊ एमन खेत ला भी पाट दिन यानी की गांव में रहने लायक जगह नहीं बची है। लेकिन भू माफियाओं से खेत भी नहीं बच पा रहे हैं। पात्र लोगों को भूमि मिलने पर वह अपनी आजीविका चलाने के लिए इसका उपयोग करते लेकिन माफिया इसे अपना धंधा बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही थी।
गांव के ग्रामीणों के अनुसार घरघोड़ा ब्लाक के भेंगारी ग्राम पंचायत में जिन 30 लोगों को वन भूमि पट्टा आबंटन हुआ है उसमें दीपक दुर्गेश, लोकेश, दीपक और ललिता ग्राम सचिव के परिजन हैं वहीं रिखीराम, पुनीराम के अलावा कृष्णा पटेल बीडीसी के परिजन हैं। इसके अलावा एक शिक्षक के परिजन भी इस लिस्ट में शामिल है। गांव वालों ने यह भी बताया कि वन अधिकार पट्टे के लिये आवेदन करने वालों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो बड़ी मात्रा धान बेचते हैं और पात्र हितग्राही हैं उनका नाम भी इस लिस्ट में है जो अपने आप में अचरज की बात है।