धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी,19 दिसंबर। शहर से 10 किमी दूर हैं सोरम। जहां पथरीली व मुरुम वाली बंजर जमीन अब उपजाऊ हो गए। विशेषज्ञों की सलाह से यहां 2730 मिश्रित पौधों का रोपण हुआ। 10 एकड़ की जमीन पर 16.77 लाख रुपए खर्च कर फलदार पौधे रोपे गए। सालभर में अब 5 फीट के पौधे हो गए। अब 3.46 लाख की लागत से कुएं का निर्माण होगा। जिसकी स्वीकृति मिल गई है।
साल 2020-21 में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 10.66 लाख, डीएमएफ एवं 15वें वित्त से 5.75 लाख मिलाकर 16.77 लाख में पौधरोपण हुआ। मनरेगा के तहत 5075 दिन काम हुआ। पौधों की सुरक्षा के लिए करौंदा रोपण व तार फेंसिंग किया गया। इस जमीन में आम, जामुन, नींबू, एप्पल बेर, सीताफल, बोहार जैसे पौधे रोपे गए हैं।
पौधों की देखरेख के साथ जय मां दुर्गा महिला स्व सहायता समूह खाली जगह पर बरबट्टी, बैगन, टमाटर की खेती की है। साथ ही गेंदे की फूल लगाकर 500 किलो बेची, जिससे समूह को 5 हजार की आमदनी हो चुकी है। यह अतिरिक्त आमदनी है। गेंदे का फूल व्यापारी कलकत्ता, नागपुर से नहीं बल्कि सोरम के नर्सरी से आर्डर करते हैं।
पौधों की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले एक मोटर पंप लगी है। रोपित पौधों की साफ-सफाई एवं पानी की सिंचाई व्यवस्था मनरेगा श्रमिकों को नियोजित हुआ है।
हर दिन निगरानी होने से पौधों की ऊंचाई करीब 5 फीट हो गई है। निकट भविष्य में पौधे पेड़ बनेंगे, जिससे आय की संभावनाएं हैं। सिंचाई एवं जल संरक्षण के लिए पौधारोपण स्थल में कुआं बनाने 3.46 लाख की स्वीकृति मिली है। मनरेगा योजना से मिश्रित पौधों का रोपण होने से जमीन की उर्वराशक्ति में बढ़ोतरी हुई है। सभी प्रजाति के फलदार पौधों का रोपण यह हुआ है।