रायपुर

भारतीय ट्रेनें फ्रांसीसी अलस्टॉम इंजिन से दौड़ रहीं
29-Dec-2022 2:43 PM
भारतीय ट्रेनें फ्रांसीसी अलस्टॉम इंजिन से दौड़ रहीं
  • शअब तक स्विस तकनीक के इंजिन से चल रहे
  • ड्रायवर सहारनपुर में ले रहे ट्रेनिंग
  • 2034 से भारत भी करेगा ये इंजिन तैयार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर।
भारतीय रेलवे इन दिनों फ्रांसीसी तकनीक के इंजिन से चल रहा है। मधेपुरा (बिहार)लोकोमोटिव कंपनी में तैयार हो रहे ये इंजिन फेल्यूअर प्रूफ और ट्रबल शूटर की तरह है। 2034 से सभी इंजिन देश में ही बनने लगेंगे। वैसे इस समय देशभर में करीब 200 इंजिन दौड़ रहे हैं। रायपुर रेल मंडल में 2-5 इंजिन चल रहे है। ये इंजिन 3वर्ष पूर्व भारतीय रेलवे में शामिल किए गए थे। फ्रासीसी कंपनी अलस्टॉम ने तकनीक और अपने टेक्रीशियन - इंजीनियर्स उपलब्ध कराए हैं। अलस्टॉम टेक्रालॉजिस से रेल मंत्रालय ने 13-14 वर्ष का अनुबंध किया है। इसके मुताबिक कंपनी मधेपुरा प्लांट में  अपने और भारतीय इंनीनियर्स के साथ मिलकर 2033-34 तक प्रोडक्शन ,मेंटेनेंस और हैंडओवर का अनुबंध किया है। उसके बाद मधेपुर प्लांट, विशुद्ध रूप से मेक इन इंडिया के तहत स्वयं माडिफायड टेक्निक के साथ इंजिन तैयार करेगी। अगले 10 और उसके बाद कम से कम 20 वर्षो की जरूरत को देखते हुए रेलवे ड्रायवर तैयार करने में जुटा हुआ है।

अब तक भारतीय रेलवे स्विटजरलैंड की तकनीक के डब्ल्यूएजी (ग्रीन रंग के)इंजिन से दौड़ रहा है। जो  अब उतनी उपयोगी नहीं रहे हैं। अब रेलवे गति शक्ति योजना के तहत 140-160 किमी स्पीड की रेललाइन तैयार कर रहा है। या पुरानी लाइनों को सुधार रहा है। ताकि ये अलस्टॉम जैसे इंजिन दौड़ाए जा सके। अतिआधुनिक तकनीक के इंजिन की कीमत 40-50 करोड़ रूपए बताई गई है। जबकि स्विस तकनीक के डब्ल्यूएजी इंजिन की कीमत 35 करोड़ की होती थी।

ड्राइविंग केबिन एसी वाले
अलस्टॉम इंजिन लोको पायलट फें्रडली बनाए गए है। ड्रायविंग केबिन  काफी खुला और वातानुकूलित है। ताकि भारत की 45-48 डिग्री के तापमान में ड्रायवरों को थकान और गर्मी का प्रकोप न झेलना पड़े। क्योकि  अपने हड़ताल -आंदोलन में लोको पायलट, केबिन को वातानुकूलित करने की मांग उठाते रहे हैं। भारतीय रेलवे अपने ड्रायवर और सहायक ड्रायवरों को इन दिनों, इस न्यू जनरेशन इंजिन के ड्रायविंग की ट्रेनिंग दे रहा है। इनमें रायपुर डिवीजन के भी ड्रायवर भी शामिल है। ये इंजिन काफी सुविधा जनक,पायलेट फें्रडली है। पिकअप सेकेंडस का है। जीरो फेल्यूअर और सेल्फट्रबल शुटर भी है। ये इंजिन वंदेमातरम ट्रेनों के लिए उपयुक्त बताए जा रहे हैं। इन इंजिन का मेंटेनेंस ट्रेनिंग शेड अजनी नागपुर में भी बनाए जा रहा है।
 

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