रायपुर

आठ माह बाद बिजली दर फिर बढ़ी, अगले दो माह 1.10 रुपए प्रति यूनिट अतिरिक्त देने होंगे
29-Dec-2022 2:45 PM
आठ माह बाद बिजली दर फिर बढ़ी, अगले दो माह 1.10 रुपए प्रति यूनिट अतिरिक्त देने होंगे

कंपनी का कारण:कोयले की मूल्य वृद्धि से वीसीए चार्ज में बढ़ोत्तरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। 
बिजली कंपनी एक बार फिर वीसीए की वजह से प्रति यूनिट दर में वृद्धि कर रही है। इसके पहले कंपनी ने अक्टूबर, नवंबर में सुरक्षा निधि के नाम पर अतिरिक्त वसूली की थी लेकिन इसका विरोध होने और भानुप्रतापपुर उपचुनाव को देखते हुए कंपनी ने आगामी व्यवस्था तक वसूली स्थगित कर दी थी। अब कंपनी ने अगले दो महीने के बिल में वीसीए के चलते 1.10 पैसे प्रति यूनिट लेने का फैसला किया है।

कंपनी ने  विद्युत नियामक आयोग की अनुमति से वर्ष 2022-23 के तृतीय द्वैमासिक अवधि अर्थात् अगस्त और सितम्बर-2022 के दौरान वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का निर्धारण किया गया है। अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान  पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व्दारा क्रय की गई बिजली की लागत में आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में 549 करोड़ रुपए की सकल वृद्धि हुई है। इस वृद्धि के कारण दिसम्बर - 2022 एवं जनवरी 2023 के दौरान लागू वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए चार्ज) में 49 पैसे की वृद्धि हो रही है। पूर्व में यह दर 61 पैसे प्रति यूनिट थी, जो अब बढक़र 1.10 रूपए प्रति यूनिट हो गई है।

इस अवधि में विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई बिजली की लागत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में वृद्धि हुई है, जो इस प्रकार है। एनटीपीसी 459 करोड़ रुपए, एनटीपीसी-सेल पॉवर कार्पोरेशन 5.74 करोड़, सीएसपीजीएल (नवीकरणीय स्त्रोत) 18.79 करोड़ तथा अन्य संयंत्र (बायोमास सौर, लघु जल, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र आदि) से 92 करोड़ रुपए वीसीए राशि है। जबकि  पॉवर जनरेशन कंपनी (तापीय स्त्रोत) के वीसीए में 26.51 करोड़ रुपए की कमी हुई है। इस तरह सकल वीसीए राशि में वृद्धि 549.01 करोड़ रुपए हो रही है।

उपरोक्तानुसार विद्युत कय दर में वृद्धि के कारण समस्त श्रेणी के उपभोक्ताओं से रूपये 1.10 प्रति यूनिट की दर से वीसीए प्रभार  जनवरी एवं फरवरी- 2023 के विद्युत देयकों में अधिरोपित किया जाना है।            
वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पॉवर परचेस में व्यय होता है, जो कि ईंधन के रूप में क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण घटता-बढ़ता रहता है।  वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा विद्युत दर का निर्धारण कर दिया जाता है और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पडऩे वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फ़ार्मूले के अनुरूप व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है।

केन्द्र जिम्मेदार-सीएम
बिजली दरों में वृद्धि को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि यह वृद्धि बीसीए के रूप में हुई है। मख्यमंत्री ने बताया बिजली तीन जगहों से खरीदी जाती है। एक भारत सरकार दूसरा एनटीपीसी से और तीसरा बाजार से। अभी एनटीपीसी ने अपना रेट बढ़ा दिया  है क्योकि ईंधन की कीमतें बढ़ी है। कोयला और डीजल दोनों ही ईंधन है जिसके रेट में वृद्धि होने की वजह से बिजली बिल में वृद्धि हुई है। ट्रांस्पोर्टिंग चार्ज भी लगातार बढ़ा है। विदेशी कोयले में के रेट में भी लागतार वृद्धि हुई है। मख्यमंत्री ने पूरे मामले पर भारत सरकार को ठहराया जिम्मेदार। उन्होंने कहा कोयले के लिए यात्री टे्रनों को बंद किया और कोयला भी नहीं दे रहे हैं। ट्रेनों को बंद किए जाने  से प्रदेश के लोगों को लगातार पड़ रही है दोहरीमार।

जनता के साथ अन्याय- साव
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  अरुण साव ने कहा कि बिजली सरप्लस स्टेट में बिजली का बिल लगातार बढ़ाना जनता के साथ अन्याय है, अत्याचार है । उन्होंने कहा कि बिजली बिल हॉफ अब एक छलावा हो गया है। दाम बढ़ाकर जनता को लूटना सरकार की असल नीति है। प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लगातार जनता से लूट का एक भी मौका नहीं छोडऩा चाहती। बिजली बिल में  कुछ दिन पहले सुरक्षा निधि के नाम से जनता को लूटा अब फिर बिजली दरों में बढ़ोतरी कर जनता की जेब में डाका डाल रहे हैं।
 

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