सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 2 जनवरी। कोसीर मुख्यालय के नाला के किनारे बौद्ध बिहार स्थित है जो 21 एकड़ में फैला है। रविवार को कोसीर बौद्ध बिहार में भीमा कोरेगाव के युद्ध को याद करते हुए शौर्य दिवस मनाया गया।
बौद्ध बिहार में भी इस वर्ष शौर्य दिवस मनाया गया व बौद्ध बिहार की विकास पर चर्चा हुई। यह बैठक बौद्ध बिहार के गांव के पुराने समिति के सदस्य रघुबीर बनज द्वारा आहूत किया गया था।
इस बैठक में सतनामी समाज के कर्मचारी युवा और नेता, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में कोसीर बौद्ध बिहार के विकास को लेकर चर्चा हुई।
वहीं नई समिति की गठन पर भी सहमत हुए और नए समिति के लिए कोसीर गांव के दूजे राम खरे को अध्यक्ष बनाया गया। वहीं आने वाले समय में समिति का विस्तार किया जा सकता है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद कोसीर बौद्ध बिहार के विकास के लिए जिला कलेक्टर से भी मुलाकात करने पर चर्चाएं हुई है।
कोसीर बौद्ध बिहार की संस्थापक प्रज्ञासार भंते ने 1997 -98 में यहां नींव रखे। उनके इस मिशन में गांव के पंच-सरपंच भी शरीक हुए और उस समय उनके विशेष सहयोगी में स्वर्गीय सीआर बनज, रघुबीर बनज, स्व. त्रिलोचन लहरे, स्व. कीरित राम खरे, पंच राम लहरे, दूजे राम कोशले, रामसिंग लहरे, रामाधार कुर्रे, पूर्व विधायक कुमारी कामदा जोल्हे, सुनील एक्सरे, स्वर्गीय प्रज्ञा नन्द भंते बहुत ऐसे नाम है जो सीधे -सीधे प्रज्ञासार भंते से जुड़े थे।
प्रज्ञासार भंते ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्रीअजित प्रमोद जोगी को कोसीर बौद्ध बिहार की स्थापना को लेकर उनसे मिले और 13 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री जोगी कार्यक्रम में पहुँचे और इंदिरा सहेली योजना के तहत 21 एकड़ जमीन को बौद्ध बिहार के लिए पंजीकृत किए और यहाँ भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण किए। कुछ दिनों तक यहां बौद्ध बिहार शिक्षा मिशन भी चला पर कुछ वर्ष बाद बन्द हो गए। वहीं यहां छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के एम सेठ भी पहुंचे हुए थे। उन्होंने यहाँ के बौद्ध बिहार को दिल्ली के गॉर्डन की तरह बनाऊंगा बोलकर गए थे, पर उनकी घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ।
यहां के विकास के लिए प्रज्ञासार भंते जी ने बहुत कोशिश किये पर आर्थिक सहयोग नहीं मिल सका। प्रज्ञासार बूढ़े हो चले थे लगभग 80 वर्ष की उम्र में 17 दिसम्बर 2012 उनका निधन हो गया, उनकी योजना और उम्मीद खत्म हो गई। उनके गुजने के बाद कई भंते यहां की देख रेख करने लगे और यहाँ का विकास जो होना था नहीं हो सका। कोसीर बौद्ध बिहार विकास के लिए 20 वर्षों से अब बाट जोह रहा है।
शौर्य दिवस पर कोसीर बौद्ध बिहार की विकास पर हुई चर्चा और बैठक जिसमें सारंगढ़ अंचल के सतनामी समाज के युवा कर्मचारी और नेता, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल मिल हुए, जिसमें प्रमुख रूप से रघुबीर बनज, पूर्व विधायक कुमारी कामदा जोल्हे , सतनामी विकास परिषद के अध्यक्ष देव नारायण वर्मा सहित बैठक में 50 से अधिक लोग उपस्थित रहे।