दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 जनवरी। नाबालिग को भगाने वाले आरोपी को कोर्ट ने तीन साल कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने बताया कि कृष्णा नगर गुढिय़ारी रायपुर निवासी आरोपी रविशंकर सागर (30) की नाबालिग से जान-पहचान पूर्व से थी। किशोरी सेक्टर 2 में सिलाई सीखने के लिए जाती थी। 9 दिसंबर 2020 को वह घर से सिलाई सीखने के लिए निकली हुई थी। इसके बाद किशोरी अभियुक्त से मिलने रायपुर चले गई। पंडरी बस स्टैंड पर अभियुक्त उसे लेने आया हुआ था। वहां से आरोपी किशोरी को लेकर एक मंदिर में गया और वहां पर उसके मांग में सिंदूर भर कर उसके साथ विवाह कर लिया। आरोपी किराए के मकान में लेकर किशोरी के साथ रह रहा था। जब किशोरी अपने घर वापस नहीं आई तब परिजनों ने इसकी शिकायत भट्टी थाना में की थी। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से किशोरी को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया था।
अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफ टीसी संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी रविशंकर सागर को धारा 363 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास 100 रुपए अर्थदंड तथा अर्थदंड न दे पाने पर 1 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास, 50,000 रुपए अर्थदंड तथा अर्थदंड न दे पाने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी। च्