बस्तर

रासुका लगाना अघोषित आपातकाल- केदार
15-Jan-2023 9:46 PM
रासुका लगाना अघोषित आपातकाल- केदार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 15 जनवरी।
कांग्रेस सरकार के रासुका लगाने की बात पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आज जगदलपुर के संभागीय बीजेपी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया।

प्रदेश महामंत्री और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रची है। अपने साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति के तहत उसने प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए ‘रासुका’  लगा दिया है। अत्यधिक असामान्य परिस्थितियों में उठाये जाने वाले इस कदम ने कांग्रेस के विभाजनकारी राजनीति की पोल खोल दी है। 

केदार कश्यप ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि भाजपा द्वारा पूर्व में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के बारे में लगातार मामला उठाया जाता रहा है, तब कांग्रेस यह डींगे हांकती थी कि प्रदेश में सब कुछ समान्य है और कानून-व्यवस्था बेहतर है। 

अब आखिर क्या ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गयी, यह गंभीर कदम उठाना पड़ा। क्या कांग्रेस सरकार खुद भी अब यह मानती है कि प्रदेश की कानून- व्यस्था उसके नियंत्रण से बाहर चला गया है और लॉ एंड आर्डर मेंटेन रखने के अपने मूल दायित्व को निभाने में सरकार विफल हुई है?

कांग्रेस स्पष्ट तौर पर छत्तीसगढ़ में तुष्टीकरण और धर्मातरण के एजेंडे पर काम कर रही है। किसी सरकार का काम धर्म और संस्कृति को कुचलना तथा धर्मान्तरण को बढ़ावा देना नहीं होता लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस धर्मांतरण के पक्ष में अपने अधिकार का सीधे दुरुपयोग कर रही है। वह मिशनरियों के हाथ में खेल रही है।

सीएम ने अघोषित आपातकाल लागू करने की शुरुआत लोकतांत्रिक आदोलनों को कुचलने के लिए कानून बना कर काफी पहले कर दी थी, लेकिन इससे जनता के सभी वर्गों का आक्रोश दोगुना हो गया। 

इससे घबराकर उन्होंने रासुका के बहाने आपातकाल जैसी अलोकतांत्रिक स्थिति का निर्माण कर दिया है। जब राज्य सरकार मान रही है कि उससे राज्य की कानून व्यवस्था नहीं सम्हल रही है तो उसे अपनी विफलता स्वीकार करते हुए कुर्सी छोड़ देना चाहिए।

आदिवासी संस्कृति कुचलने साजिश
मुख्यमंत्री ने रासुका के जरिये आदिवासी संस्कृति को कुचलने का घृणित षड्यंत्र रचा है। वे चाहते हैं कि आदिवासी संस्कृति समाप्त हो जाये। आदिवासी समाज ईसाई समुदाय में कन्वर्ट हो जाये और चर्च के प्रभाव में आ जाए। ऐसा लगता है कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत ही आदिवासी समाज में धर्मांतरण के जरिये विखंडन और वर्ग संघर्ष का खाका तैयार किया गया है। आदिवासी संस्कृति के विरुद्ध भूपेश बघेल के बेहद खतरनाक इरादों को यह रासुका व्यक्त कर रहा है। संस्कृति को बचाने में लगे आदिवासियों के संघर्ष को कुचलने के लिए उन्हें वेवजह जेल में डालने का इंतजाम किया गया है। ताकि आदिवासी समाज को धर्मांतरण का विरोध करने से रोका जा सके।

भाजपा की यह स्पष्ट मांग है कि रासुका लगाने की पूरी परिस्थिति पर कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र लाये, साथ ही इसका भी जवाब दे कि उसने इस फैसले को छिपाए क्यों रखा? साथ ही तत्काल प्रभाव से इस नव आपातकाल को ख़त्म करे और प्रदेश में शान्ति-व्यवस्था को कायम रखे। लोकतंत्र की हत्या की कोशिश, इस नए आपातकाल के खिलाफ भी भाजपा के कार्यकर्ता संघर्ष करने तैयार हैं।
 

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