बस्तर

मानदेय में वृद्धि नहीं, जूनियर डॉक्टरों की बेमुद्दत हड़ताल जारी
19-Jan-2023 4:35 PM
मानदेय में वृद्धि नहीं, जूनियर डॉक्टरों की बेमुद्दत हड़ताल जारी

अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 जनवरी।
बस्तर संभाग का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज डिमरापाल का शुक्रवार से शुक्र ग्रह शुरू होने वाला है, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि यहां काम करने वाले सभी इंटर्न, पीजी, एसआर, बोंडेड डॉक्टरों को दूसरे राज्यों के अपेक्षा कम पैसे देने को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने आपातकाल सेवा देने से मना करते हुए हड़ताल पर चले गए, इन डॉक्टरों के जाते ही पूरे अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, जिसका खामियाजा गुरुवार की सुबह से ही देखने को मिल रही है,
जूनियर रेसीडेन्ट डाक्टर्स के मानदेय में वृद्धि नही होने के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है, जिसके चलते काली पट्टी लगाने के साथ ही गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया गया है, हड़ताल पर डॉक्टरों के जाते ही बस्तर संभाग के अलावा 7 जिलों से अपना इलाज कराने आने वाले मरीजों को भी डॉक्टर नहीं मिलने पर काफी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

मेकाज के शिशु वार्ड में पदस्थ डॉ. पुष्पराज प्रधान ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के जूनयिर रेसीडेन्ट डॉक्टरों को दिया जा रहा मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है, जिसके लिए हमारे द्वारा पिछले 2 वर्षों से लगातार पत्र एवं बैठक के माध्यम से वृद्धि हेतु प्रस्ताव भेज रहे है, परन्तु अनेको आश्वासनों के बाद भी जूनयिर रेसीडेन्ट डॉक्टर्स को केवल निराशा ही मिली है। प्राकृतिक न्याय एवं सामान्य तर्क की अद्वितीय विडंबना है कि छत्तीसगढ़ में पोस्ट पीजी बॉड डॉक्टर्स की ना केवल अपनी श्रेणी से कम बल्कि अपने से निचली श्रेणी से भी कम मानदेय दिया जा रहा है।

भारत में मानवाधिकार के हनन का अनोखा उदाहरण बनता जा रहा है। पूर्व में संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा 1 जुलाई 2019 द्वारा सचिव छत्तीसगढ़ शासन से जूनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर्स के मानदेय में वृद्धि का आवेदन किया था एवं महंगाई भत्ता के एवज में सामयिक वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा था। जिसके पश्चात जुनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने राज्यपाल महोदया, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव एवं वित्त सचिव से कई बार पत्र एवं बैठक के माध्यम से उन्हें हमारी समस्याओं से अवगत करवाने के पश्चात भी कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया है। उदासीनता का विषय है कि विगत 4 वर्षों से जूनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर्स के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि प्रदेश के हर श्रेणी के कर्मचारियों की शासन द्वारा विभिन्न रूप से वेतन वृद्धि करी जा चुकी हैं।
गुरुवार से शुरू हुई हड़ताल के बाद शुक्रवार से इंटर्न डॉक्टरों द्वारा भी अपना पूरा समर्थन दिया है, शुक्रवार से इन डॉक्टरों द्वारा आपातकाल सेवाएं बंद करने की बात कही है, इस समर्थन के साथ ही मेकाज के गायनिक, ऑक्थल, सर्जरी, पीडिया, आर्थो, मेडिसिन के अलावा अन्य वार्डो से डॉक्टरों ने काम छोड़ हड़ताल का समर्थन दे रहे है।

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