दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 फरवरी। शनिचरी बाजार में लगने वाला शहर का पहला मंडई मेला इस वर्ष अपने शुरूवात की सौ साल पूरे कर रहा हैं। इस सांस्कृतिक विरासत को यादगार बनाने भगवान श्री लंगूरवीर मंदिर शनिचरी बाजार दुर्ग पब्लिक ट्रस्ट द्वारा अपने वाषिर्कोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य मंडई-मेला का आयोजन किया गया हैं।
यह मंडई मेला 2 से शुरू होकर 4 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान श्री हनुमान चालीसा के माध्यम से पंडित विजयशंकर मेहता मेडिटेशन कोर्स व जीवन प्रबंधक कला की सीख देंगेए वहीं राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता व रस्सा खींच प्रतियोगिता में खिलाड़ी अपना दमखम लगाएंगे। कत्थक नृत्य, बांस गीत और छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। मंडई-मेला में बच्चे झूले व अन्य मनोरंजन के साधनों का नि:शुल्क आनंद उठा सकेंगे।
इस अवसर पर भगवान श्री लंगूरवीर मंदिर शनिचरी बाजार दुर्ग पब्लिक ट्रस्ट द्वारा मंदिर के स्थापना व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मुन्नालाल सार्वा, डॉ. गोविंद प्रसाद दीक्षित, चिंताराम सोनकर, पंडित अशोक कुमार त्रिपाठी का सम्मान करेगी। यह बाते भगवान श्री लंगूरवीर मंदिर शनिचरी बाजार दुर्ग पब्लिक ट्रस्ट के अध्यक्ष मानव सोनकर ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में कही।
2 फरवरी को सुबह भगवान लंगूरवीर की अभिषेक व पूजा-अर्चना कर की जाएगी। इस अवसर पर पंडित विजयशंकर मेहता द्वारा श्री हनुमान चालीसा के माध्यम से मेडिटेशन कोर्स एवं जीवन प्रबंधन कला पर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया जाएगा। वे 2 व 3 फरवरी को शाम 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक और 4 फरवरी को प्रात: 7 बजे से 9 बजे तक प्रवचन करेंगे।