बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर/राजपुर,11 मार्च। नक्सल मोर्चे पर बलरामपुर पुलिस को मिली एक और बड़ी सफलता मिली है। नक्सलियों के विरूद्ध लगातर चलाए जा रहे सर्चिंग अभियानों एवं पुलिस के दबाव में 3 महिला एवं 4 पुरुष सहित 7 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पित सभी नक्सली छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड में रहने वाले हैं। पुलिस ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को तत्काल आर्थिक सहायता राशि देकर शासन की विभिन्न योजनाओं की लाभ देने की बात कही है। पूर्व में बलरामपुर पुलिस द्वारा नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए भारी मात्रा में आईईडी व अन्य विस्फोटक सामाग्री को बरामद किया गया था।
बलरामपुर पुलिस की नक्सलियों के विरुद्ध लगातर की जा रही कार्रवाई एवं सर्चिंग अभियानों के दबाव एवं थाना सामरीपाठ क्षेत्रांतर्गत ग्राम पुन्दाग एवं भुताहीमोड़ में कैम्प खुलने तथा नक्सल क्षेत्रों में सिविक एक्सन प्रोग्राम के अंतर्गत पहुंचविहीन नक्सल क्षेत्रों में लगातार चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों से प्रभावित होकर 3 महिला एवं 4 पुरुष सहित कुल 7 पूर्व नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में 6 थाना सामरीपाठ क्षेत्र के एवं 1 महिला नक्सली झारखण्ड की रहने वाली है। आत्मसमर्पित सभी नक्सली छत्तीसगढ़, बिहार झारखण्ड एरिया में सक्रिय पच्चीस लाख रूपये के ईनामी नक्सली कमाण्डर स्पेशल एरिया कमिटी मेम्बर, मिलिट्री कम्पनी बिमल उर्फ राधेश्याम यादव उर्फ उमेश, सलेमपुर बिहार के साथ थाना सामरीपाठ व चांदो क्षेत्र में काम कर चुके हैं।
आत्मसमर्पित सभी नक्सली निम्नानुसार है
1. नन्दू कोरवा (28) पीपरदाबा, थाना सामरीपाठ, जिला बलरामपुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि, वर्ष 2016 में मुझे अमन और बिमल बुढ़ा अपने साथ में लेकर गये थे, मंै लगभग 3 साल तक नक्सली संगठन माओवादी के साथ में रहकर काम किया हूँ, मैं अपने साथीगण के लिए खाना बनाता था, मेरे साथ बबलू, मनीष, रवि, कमलेश, लखन, लोग चले हैं। मैं 315 बोर रायफल रखता था। बाद में मुझे बिमल एस. एल. आर. दिया था। वर्ष 2018 में झारखण्ड के खपरी महुआ में बम ब्लास्ट हुआ था, उसी केस में मैं झारखण्ड में गया था 18 माह जेल में रहा, उसके बाद जेल से वापस आने के बाद मुझे फिर विमल लोग अपने साथ पार्टी में जबरदस्ती ले गये थे, तब मैं लगभग 8-9 माह तक नक्सलियों के साथ पार्टी में काम किया हूँ। नक्सली नन्दू कोरवा इसके पूर्व वर्ष 2012 में भी पार्टी में शामिल रहा, भूताही मोड़ के पास बम लगाने के दौरान नक्सली कमाण्डर कुन्दन के साथ यह भी शामिल था।
2. गुडवा कोरवा (30) पुंदाग जिला बलरामपुर ने पूछताछ में बताया कि, मुझे वर्ष 2016 में बिमल बुढ़ा अपने साथ में पार्टी में लेकर गया था। मैं लगभग 8 माह तक नक्सली संगठन माओवादी के साथ में रहकर काम किया हूँ। मैं खाना बनाता था एवं सामान लाने ले जाने का काम करता था। मैं जिस समय पार्टी में गया उस समय मेरे साथ बिमल के द्वारा गांव के सनी बृजिया, धनसाय बृजिया, प्रमोद कोरवा, दिनेश कोरवा, नितीश कोरवा, जवाहर घांसी, सवना लोहार सभी को लेकर गया था, जो सभी लोग धीरे धीरे वहां से भाग गये थे। इसके द्वारा लातेहार, महुआडांड़, गारू क्षेत्र में लगभग एक वर्ष तक काम किया है। इसके द्वारा झारखझड लातेहार क्षेत्र में क्रेशर मशीन जलाने के दौरान नक्सलियों के साथ शामिल रहा है।
3. सनी बृजिया (18) पुदांग जिला बलरामपुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि मुझे वर्ष 2016-17 में बिमल बुढ़ा अपने साथ में लेकर गया था। मैं लगभग 8 माह तक नक्सली संगठन माओवादी के साथ में रहकर काम किया हूँ। मंै सामान लाने ले जाने का काम करता था। साथ में संतरी ड्यूटी का भी काम करता था, संतरी ड्यूटी के समय मुझे 315 बोर बन्दूक भी देते थे। इसके द्वारा सामरी क्षेत्र में चुनचुना-पुन्दाग के पास बम लगाने में शामिल था।
4. लक्ष्मण नगेशिया (35) चरहू पीपरढाबा लरामपुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वर्ष 2016 में मुझे अमन और विमल के द्वारा अपने साथ में नक्सली संगठन माओवादी पार्टी में लेकर गया था। मैं लगभग 14-15 माह तक पार्टी में चला हूँ। मैं नक्सली पार्टी में खाना बनाता था और रात में संतरी ड्यूटी करता था। संतरी ड्यूटी के समय मुझे 315 बोर बन्दूक भी देते थे। इसके द्वारा लातेहार, महुआडांड, गारू क्षेत्र में लगभग एक वर्ष तक काम किया है। कोल्ही एवं पचपेड़ीर के पास बम लगाने में शामिल था।
5. आशा उर्फ फूलवंती (21) पुंदाग जिला बलरामपुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि, मुझे वर्ष 2019-20 में बिमल बुढा अपने साथ में लेकर गया था मै 1 वर्ष तक नक्सलियों के साथ में रहकर काम की हूँ। मंै संतरी ड्यूटी की हूँ उस समय मै 315 बोर रायफल अपने पास रखती थी। इसके द्वारा चुनचुना पुन्दाग में बम गाड़ते समय यह नक्सलियों के साथ शामिल थीं।
6. अमरिता उर्फ सरस्वती (20) पुन्दाग, थाना सामरीपाठ, जिला बलरामपुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि, मुझे बिमल बुढ़ा व अमन वर्ष 2020 में अपने साथ में लेकर गये थे, मंै लगभग डेढ़ वर्ष नक्सलियों के साथ में रहकर काम की हूँ। मैं खाना बनाती थी और संतरी ड्यूटी करती थी उस समय मंै 315 बोर रायफल रखती थी। थाना सामरीपाठ क्षेत्र के बूढ़ा पहाड़ के नजदीक गुफा में मेरे साथ 9 लोग रहते थे। इसके द्वारा चुनचुना पुन्दाग में बम लगाते समय नक्सलियों के साथ शामिल थी।
7. कांती कोरवा (18) सेमरखांड़ पंचायत अक्सी झारखण्ड ने पूछताछ के दौरान बताया कि मुझे सोनवा कोरवा अपने साथ में नक्सली संगठन माओवादी में लेकर गया था। मैं जब संगठन में गई तो पहले मुझे पीटी परेड कराए 7 दिन सिखाने के बाद मुझे खाना बनाने का काम दिए थे मैं अपने साथियों के लिए खाना बनाती थी। मैं करीब 1 वर्ष तक संगठन में काम की हूँ। मैं संतरी ड्यूटी करती थी, उस समय मैं 315 बोर रायफल रखती थी। इसके द्वारा चुनचुना पुन्दाग में बम गाड़ते समय यह नक्सलियों के साथ शामिल थी।
इस कार्रवाई में मुख्य रूप से डी.के. सिंह, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑपरेशन सामरीपाठ, निरीक्षक फर्दीनंद कुजूर, थाना प्रभारी, सामरीपाठ, सउनि आनंद मशीह तिर्की, प्र.आर. राजेन्द्र ध्रुव, आरक्षक अनिल तिग्गा, आरक्षक भीम तिर्की, म.आर. सुचिता संगम एवं सहायक आरक्षक धर्मेन्द्र सोनी सहित सभी थाना सामरीपाठ का विशेष योगदान रहा।