सूरजपुर

विषम परिस्थितियों के बावजूद बिश्रामपुर क्षेत्र में 11 लाख टन से अधिक कोयले का रिकार्ड उत्पादन
01-Apr-2023 8:29 PM
विषम परिस्थितियों के बावजूद बिश्रामपुर क्षेत्र में 11 लाख टन से अधिक कोयले का रिकार्ड उत्पादन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बिश्रामपुर,1 अप्रैल।
पिछले कई बरस से उत्पादन संकट से जूझ रहा एसईसीएल का बिश्रामपुर क्षेत्र एक बार फिर अपने गौरवशाली इतिहास को हासिल करने की ओर अग्रसर होता नजर आ रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022 - 23 में विषम परिस्थितियों के बावजूद बिश्रामपुर क्षेत्र में 11 लाख टन से अधिक कोयले का रिकार्ड उत्पादन करते हुए पिछले वित्तीय वर्ष से चार गुना अधिक कोयला उत्पादन किया है,  वहीं कोयला प्रेषण के मामले में भी छह दशक में रोड सेल के जरिए सर्वाधिक दस लाख टन से अधिक कोयले का प्रेषण करने का भी कीर्तिमान हासिल किया है।

ज्ञात हो कि पिछले पांच साल से अधिग्रहित भूमि का आधिपत्य नहीं मिल पाने की वजह से क्षेत्र के आमगांव एवं अमेरा ओपन कास्ट परियोजना से कोयला उत्पादन ठप रहने के साथ ही पुरानी हो चुकी भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन काफी कम होने के कारण एसईसीएल का बिश्रामपुर क्षेत्र कोयला उत्पादन के विकराल संकट से जूझ रहा था। इसी बीच 30 नवंबर 2021 को बिश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक के रूप में डॉ. अमित सक्सेना ने पदभार ग्रहण किया। उनकी कुशल कार्ययोजना से क्षेत्र के कोयला उत्पादन में निरंतर वृद्धि होने लगी और क्षेत्र ने 11 लाख टन से अधिक कोयला उत्पादन करने में सफलता हासिल की। इस दौरान बिश्रामपुर क्षेत्र ने कई उपलब्धियां भी हासिल की। 
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की अमेरा ओपन कास्ट परियोजना समेत आमगांव ओपन कास्ट परियोजना व नवीन केतकी भूमिगत परियोजना चालू नहीं होने के बाद भी उनके उत्पादन लक्ष्य के साथ एसईसीएल मुख्यालय द्वारा बिश्रामपुर क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2022 - 23 के लिए कोयले का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य दिया।

क्षेत्रीय महाप्रबंधक डॉ. अमित सक्सेना ने जमीनी धरातल पर कार्य योजना बनाकर विगत जुलाई में काफी मशक्कत कर पांच साल से बंद पड़ी आमगांव ओपन कास्ट परियोजना से कोयला उत्पादन प्रारंभ किया। इसी बीच बीते फरवरी में कंटीन्यूअस माइनर मशीन (सीएम) के जरिए गायत्री भूमिगत परियोजना में कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही विगत जनवरी में माइन डेवलपर अपरेटर के माध्यम से केतकी भूमिगत परियोजना को प्रारंभ किया। जिसमें सीएम पद्धति से आगामी वित्तीय वर्ष में सुचारू रूप से कोयला उत्पादन में गतिशीलता आने की पूर्ण संभावना है।

जिला प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों एवं श्रमिक संगठनों के साथ ही कर्मचारियों व अधिकारियों के संयुक्त प्रयास से बिश्रामपुर क्षेत्र में चालू वित्तीय वर्ष में 11 लाख टन से अधिक कोयला व दस लाख टन से अधिक कोयला प्रेषण करने में सफलता हासिल हुई है। अब यह क्षेत्र निश्चित ही अपने स्वर्णिम इतिहास को हासिल करेगा। पांच साल से बंद अमेरा ओपन फास्ट परियोजना से कोयला व ओबी उत्पादन प्रारंभ करने मेसर्स एलसीसी कंपनी गुजरात को अनुमति देने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। नवीन बिनकरा ओपन कास्ट परियोजना प्रारंभ करने की पहल की जा रही है। इसके लिए कंपनी के सीएमडी डा. प्रेमसागर मिश्रा का पूर्ण सहयोग मिल रहा है।

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