रायपुर

अब नैक कॉलेज भी बन सकेंगे स्वशासी
20-Apr-2023 7:19 PM
अब नैक कॉलेज भी बन सकेंगे स्वशासी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 अप्रैल। अब नैक से अधिमान्य(क्रेडिटएटर) महाविद्यालय भी स्वशासी किए जा सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोंग (यूजीसी) ने हाल में अपनी पुरानी व्यवस्था को संशोधित कर नयी अधिसूचना जारी की है। इस पर राज्य के उच्चशिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

आयुक्त शारदा वर्मा ने बुधवार को डिग्री गल्र्स कॉलेज में प्रदेश के आठ स्वशासी महाविद्यालयों के प्राचार्यो की बैठक ली। इसमें इन कॉलेजों के परीक्षा नियंत्रक भी मौजूद रहे। राज्य में इस समय केवल 8 स्वशासी कॉलेज हैं। 3 अपै्रल को जारी नये रेगुलेशन को जानकारी देते हुए श्रीमती वर्मा ने बैठक में बताया कि अब तक एनआईआर से ग्रेडेड कॉलेज ही स्वशासी हो सकते थे। लेकिन इस सत्र से नैक में अधिमान्य कालेज को भी स्वशासी किया जा सकेगा। ऐसे कालेज जो नैक में ए, वी प्लस, बी प्लस-प्लस ग्रेड के हैं वे स्वशासी हो सकेंगे। बैठक में मौजूद एक प्राचार्य ने बताया कि यह स्वायत्ता पहले 5 वर्ष और फिर 10 वर्ष तक के लिए दी जा सकेगी। ऐसा करके यूजीसी ज्यादा से ज्यादा स्वशासी कॉलेज वह भी विशेषता के साथ स्थापित किए जाएंगे। जैसे कोई कॉलेज स्नातक,कोई रिसर्च तो कोई रोजगार परक विषयों के हो सकेंगे। बैठक में प्राचार्यों से कहा गया कि वे मल्टीसबजेक्ट कोर्सेस को अपनाने  छात्र-छात्रओं में जागरूक्ता फैलाए। उन्हे यह बताएं कि साइंस के छात्र एक सबजेक्ट के रूप में कामर्स, आर्ट के छात्र कामर्स और कामर्स के छात्र साइंस के सबजेक्ट चून सकते हैं। यानी बीए कर रहा छात्र यदि गणित, साइंस भी पढऩा चाहता है तो विकल्प चुन सकता है।

प्राचायों से यह भी कहा गया है कि वे सभी छात्रों का डिजी लॉकर बनवाएं। ताकि उनकी सारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र उपलब्धियां डिजी लॉकर में एकेडमिक बैंक आफॅ के्रडिट (एबीसी) की तरह रखा जाए। स्वशासी कॉलेज को यह भीकहा गया कि वे विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए अधिक से अधिक उद्योगों, विशेषज्ञों से अनुबंध करे। साथ ही शोध प्लेशमेंट में मदद ली जा सके। इसके लिए वैल्यूएडेड कोर्स शुरू करें।

साइंस कॉलेज दुर्ग को एनईआरएफ रैंक

साइंस कालेज दुर्ग ने एनईआरएफ रैकिंग हासिल कर ली है। शेष 7 कॉलेजों से कहा गया है कि वे भी अपनी कमियां पूरी कर रैकिंग के लिए अप्लाई करें। यह रैकिंग नैक की मान्यता से अलग एक श्रेष्ठता के रूप में देखी जानी है। इस रैकिंग पर दुर्ग कॉलेज को शिक्षकों के 40 नए पद दिए गए हैं। कॉलेज में छात्रों की तुलना में शिक्षकों की कमी थी। जो अब पुरी हो गई है।

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