रायगढ़

केलो है तो कल है का संकल्प सिद्ध करने जिला स्तरीय अभियान का आगाज
30-Apr-2023 3:25 PM
केलो है तो कल है का संकल्प सिद्ध करने जिला स्तरीय अभियान का आगाज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 30 अप्रैल।   रायगढ़ की जीवनदायिनी केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने केलो है तो कल है के संकल्प को सिद्ध करने जिला स्तरीय मुहिम शुरुआत की है। इसमें केलो नदी के उद्गम पहाड़ लुडेग से महानदी में विलय तक पडने वाले नदी मार्ग और तटवर्ती 43 गांव अभियान में शामिल है।

अभियान में नदी तट की सफाई के साथ ही नरवा संवर्धन के तहत विभिन्न कार्य भी किए जायेंगे। तमनार विकासखंड के ग्राम कसडोल में विधायक लैलूंगा चक्रधर सिंह सिदार, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा व डीएफओ स्टायलो मंडावी की मौजूदगी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस मौके पर विधायक लैलूंगा चक्रधर सिंह सिदार ने कहा की केलो नदी रायगढ़ जिले की जीवन रेखा है इसको सहेजने और सवारने के प्रयास कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि इस प्रयास में अधिक से अधिक अपना सहयोग दें।

कलेक्टर ने कहा कि केलो नदी सैकड़ों वर्षो से इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन संवार रही है। आज केलो से पूरे जिले को पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है। केलो की यह समृद्ध विरासत इसी स्वरूप में अगली पीढ़ी को सौंपना लक्ष्य है। इस क्रम में जिला प्रशासन द्वारा केलो संरक्षण महा अभियान की शुरूआत की गई है। इसके तहत नदी के उद्गम से महानदी के विलय तक नदी के मार्ग को प्रशस्त करने का कार्य किया जाएगा। इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनभागीदारी भी होगी। इसके लिए प्रशासन के विभिन्न विभाग संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्ेश्य है कि प्राकृतिक जल को व्यर्थ बहने से रोका जाए तथा रूके हुए जल को भूमिगत किया जाए। इसके लिए जिला पंचायत के नरवा शाखा के साथ ग्रामीण यांत्रिकी, सिंचाई व वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्य किया जाएगा। नदी के तटीय इलाकों में वृहत वृक्षारोपण भी होगा।

सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा ने इस मौके पर पूरे अभियान की रूपरेखा व तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण का यह अभियान विभागीय समन्वय व जनसहयोग से चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केलो नदी के उद्गम से महानदी में विलय तक के प्रमुख स्थानों को चिन्हांकित कर वहां तट की साफ-सफाई के साथ-साथ नरवा संवर्धन के स्ट्रक्चर भी बनाये जायेंगे। जिससे नदी का प्रवाह व स्वरूप बना रहे।

निकली साइकिल रैली

रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में भी केलो नदी संरक्षण के तहत नदी तट साफ -सफाई अभियान चलाया गया तथा सायकल रैली निकाली गई। इसमें महापौर नगर निगम जानकी काटजू, सभापति जयंत ठेठवार, शाखा यादव, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, एनएसएस के स्वयं सेवक, समाज सेवी संस्थाएं, जेसीआई, रोटरी, दिव्य शक्ति, लायनेस क्लब के सदस्यों सहित नगरवासी व अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

नदी किनारे बसे 43 गांवों के लिए बनेगा माइक्रोप्लान

जिला पंचायत के नरवा शाखा के प्रभारी अधिकारी आशुतोष श्रीवास्तव से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियान के पहले चरण में नदी के किनारे बसे 43 गांवों में काम किया जाएगा। सभी गांवों के लिए अलग-अलग माइक्रोप्लान तैयार होगा। केलो नदी के संरक्षण के अभियान की शुरूआती चरण में विकासखण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायत पहाड़लुडेग से शुरू होगा। यहां उद्गम स्थल की साफ-सफाई का काम होगा। यहां से राताखण्ड में गेबियन नींव खुदाई कार्य, घियारमुड़ा में गेबियन निर्माण कार्य, आमापाली में चेकडैम नींव खुदाई कार्य, सोहनपुर में तालाब सफाई, सागरपाली में चेकडैम नींव खुदाई कार्य, भकुर्रा में तटीय सुरक्षा हेतु पिचिंग कार्य, गहिरा में चेकडैम नींव खुदाई कार्य, चिंगारी में नदीतट सफाई कार्य, गंजपुर में तटीय सुरक्षा हेतु पिचिंग कार्य तथा मडियाकछार में नदीतट सफाई कार्य होगा। इसके साथ ही तमनार विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पेलमा, लालपुर, मीलूपारा, खम्हरिया, गारे, सारसमाल, कुंजेमुरा, बुडिया, महलोई, तमनार, देवगांव, कसडोल एवं बडगांव में नदीतट सफाई कार्य, रायगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रेगड़ा, लामीदरहा, संबलपुरी, बंगुरसिया, बड़े अतरमुड़ा, भेलवाटिकरा, बरलिया में नदीतट सफाई कार्य तथा नवागांव में स्टॉपडेम सील्ट सफाई कार्य होगा।

पुसौर विकासखण्ड के बिंजकोट, एकताल एवं रेंगालपाली में नदीतट सफाई कार्य, गढ़उमरिया में अर्दन चेकडेम निर्माण कार्य, दर्रामुड़ा एवं मिड़मिड़ा में तालाब गहरीकरण कार्य, केशला एवं नेतनागर में डबरी निर्माण, झलमला में अमृत सरोवर निर्माण, भाठनपाली में भूमि समतलीकरण का कार्य होगा। इसके साथ ही इन गांवों में आगे जरूरत के हिसाब से नदी संरक्षण के दूसरे कार्य भी किए जायेंगे।

रिज टू वैली कांसेप्ट से होगा काम

केलो नदी के पुनरुद्धार के लिए वॉटरशेड के रिज टू वैली कांसेप्ट से काम किया जाएगा। इसमें चोटी पर नदी के उद्गम से लेकर नीचे की ओर जाने वाले नदी की लाइनिंग को जोड़ा जाएगा। इसमें पूरे क्षेत्र को ढलान के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा गया है। जिसमें बहाव को नियंत्रित करने तथा जल को स्टोर करने के लिए अलग-अलग उपाय किए जायेंगे।

पेड़ भी लगाए जायेंगे

डीपीआर के अनुसार एरिया और नरवा ट्रीटमेंट किया जाएगा। जिससे नदी के तटों का कटाव, गाद जमा होना, बहाव में कमी, घटता भू-जल जैसी समस्याओं को दूर किया जा सके। इसमें नरवा ट्रीटमेंट के लिए ब्रशवुड चेक, लूज बोल्डर चेक, गेबियन स्ट्रक्चर, चेक डैम तथा स्टॉप डैम का निर्माण किया जाएगा। एरिया ट्रीटमेंट के तहत विभिन्न स्ट्रक्चर जैसे कंटूर ट्रेंच, पर्कोलेशन टैंक, स्टेटगार्ड ट्रेंच साथ ही ढलान के मुताबिक विभिन्न प्रजाति के पौधों और वृक्षों का प्लांटेशन किया जाएगा।

केलो नहरों की भी हुई सफाई

अभियान के तहत सिंचाई विभाग द्वारा केलो नहरों की सफाई का काम करवाया गया है। विभाग द्वारा जामपाली माइनर, रेंगालपाली, बोदाटिकरा गढ़उमरिया, भांटापाली, झलमला व सुर्री में नहरों की सफाई का काम किया गया। इसी प्रकार वन परिक्षेत्र लैलूंगा वन विभाग के अंतर्गत आने वाले प्रोजेक्ट के कार्यो की शुरूआत की गई।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news