सूरजपुर

2-3 हजार के घटिया फर्नीचर का 7-8 हजार का भुगतान
05-Jun-2023 8:12 PM
2-3 हजार के घटिया फर्नीचर का 7-8 हजार का भुगतान

तत्कालीन अधिकारी-कर्मियों पर बंदरबांट व चहेते फर्म को ठेका दे घटिया फर्नीचरों की सप्लाई का आरोप

स्कूलों में फर्नीचर खरीदी के लिए मिली थी लाखों की मंजूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 5 जून।
शिक्षा विभाग में बगैर नियम और कानूनों का पालन किए चहेते फर्म से घटिया फर्नीचर की खरीद ऊंचे दर पर कर शासन को चूना लगाने और शैक्षणिक संसाधनों से खिलवाड़ किये जाने का आरोप लगा नागरिकों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। 

नागरिकों का आरोप है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कथित रूप से एक मंत्री के मौखिक अनुशंसा पर चहेते फर्म को फर्नीचर सप्लाई का ठेका दे दिया गया और फर्नीचर के बगैर गुणवत्ता जांच व भौतिक सत्यापन के स्कूलें मे सप्लाई भी करा दी गई।
 नागरिकों का यह भी आरोप है कि जो फर्नीचर खुले बाजार में दो से तीन हजार रूपए में मिल जाएगा, वैसे फर्नीचर की बिलिंग सात से आठ हजार रूपए कर अवैध कमाई भी की गई है। घटिया फर्नीचर मिलने से स्कूल प्रबंधन भी हैरान है और उनका कहना है कि इस तरह की गुणवत्ताहीन सामग्री का बच्चों को कब तक लाभ मिल पाएगा।

नागरिकों का कहना है कि फर्नीचर खरीदी करने को लेकर विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा शासन के किसी भी गाईड लाईन का पालन नहीं किया गया है और मानक के विपरीत खरीदी की गई है। न इन फर्नीचरों का किसी सक्षम अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया है और न ही जिले के स्कूलों में मांग पत्र के अनुरूप फर्नीचर सप्लाई किया गया है। 

जानकारों का कहना है कि शासकीय विभागों में इस तरह के सामानों की खरीदी या बिक्री करने के लिए सबसे पहले अखबारों में प्रकाशित करा जन साधारण सहित अन्य लोगों को सूचित किया जाता है और परदर्शी तरीके से खुले निविदा के माध्यम से निर्धारित दर पर खरीदी की जाती है। लेकिन इन सभी नियमों को शिक्षा विभाग में पदस्थ तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारियों ने ताक पर रख एक कथित मंत्री की अनुशंसा पर अपने चहेते फर्म को टेण्डर दे दिया और मिलीभगत कर लाखों रूपए का कमीशन अंदर कर लिये। 

बताया जा रहा है कि जिले के प्राथमिक शालाओं के साथ ही पूर्व माध्यमिक शालाओं में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में फर्नीचर सप्लाई करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 50 लाख से अधिक रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके तहत स्कूलों में कार्यालयीन व गैर कार्यालयीन कार्यों के लिए फर्नीचरों का सप्लाई किया जाना था, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारियों ने मिलीभगत कर घटिया सामग्री की खरीदी की और शासन को लाखों रूपए का चूना लगा दिया। नागिरकों ने जिला प्रशासन से मामले की सूक्ष्मता से जांच कर संबंधितों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की मांग की है।

ऐसे चला अवैध कमाई का खेल
नागरिकों का आरोप है कि जिले के कई स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या काफी कम है। वहां भी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी ने मनमाने तरीके से अधिक फर्नीचरों की सप्लाई कर बिलिंग कर दी, वहीं जो फर्नीचर बाजार में आसानी से दो-तीन हजार रूपए में उपलब्ध हो जाता है, वह सात से आठ हजार रूपए की बिलिंग कर अवैध रूप से मोटी कमाई कर ली।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news