सरगुजा
कई विद्यालयों में काम शुरू नहीं और कई में मानक स्तर के नहीं हो रहे काम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर,23 जून। सरगुजा जिला के उदयपुर विकासखंड में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 178 स्कूलों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। इन सभी मरम्मत कार्यों को 15 जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था।
निर्माण कार्यों में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। विकासखंड उदयपुर के सैकड़ों विद्यालय अभी भी मरम्मत के अभाव में जर्जर पड़े हैं। इन भवनों के मरम्मत का जिम्मा अधिकतर स्कूलों का आरईएस विभाग को दिया गया था। टेंडर के माध्यम सभी मरम्मत के कार्य होना है। आरोप है कि कुछ विद्यालय में अभी तक काम ही चालू नहीं हुआ है। जहां काम चालू भी है तो वहां मानक स्तर के निर्माण नहीं हो रहे हंै। कुछ स्कूलों में बेयरिंग कोट और कुछ स्कूलों में प्रोफाइल शीट से मरम्मत कार्य होना है।
प्राथमिक शाला बैगापारा में छत को तोड़े बगैर ही अंदर प्लास्टर का काम किया जा रहा है, कैंची बनाकर उसके ऊपर स्क्वायर पाइप काफी पहले लगा दिया गया है, परंतु उक्त भवन में प्रोफाइल सीट अभी तक नहीं लगा है और ना ही बाकी के मरम्मत कार्य हुए हैं।
सानीबर्रा प्राथमिक स्कूल में शासन द्वारा 265000 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, परंतु यहां के काम को देखने अभी तक ठेकेदार पहुंचे तक नहीं है न ही किसी तरह का मरम्मत कार्य इस जगह पर चालू हुआ है।
सुखरीभंडार प्राथमिक शाला में विभाग के अनुसार 90 प्रतिशत काम हो गया है और विद्यालय का संचालन हो सकता है ऐसा कहना है एसडीओ आरईएस शैलेंद्र भारती का।
परंतु स्कूल का मुआयना करने से पता चलता है कि मरम्मत कार्य हेतु शासन द्वारा दो लाख नब्बे हजार की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त विद्यालय में प्रोफाइल सीट लगा हुआ है। पहले से यहां पर सीमेंट की सीट लगी हुई थी जिसे निकालकर उक्त कैंपस में ही अव्यवस्थित रूप से रखा गया है।
छात्र छात्राओं को विद्यालय परिसर में आने जाने में दिक्कत होगी। सडक़ का पूरा पानी विद्यालय परिसर में आकर जमा होता है । बारिश के दिनों में छात्र छात्राओं को आने जाने में काफी परेशानी होगी। इसके अलावा इसी विद्यालय में जो सीट लगाया गया है दीवाल के दोनों ओर पानी के रिसने का पर्याप्त जगह शेष है, जिससे बच्चों को बैठने में बारिश में काफी दिक्कत होगी।
आसपास के ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान आरोप लगाते ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मनमाने तरीके से मरम्मत का कार्य हुआ है वह भी आधा अधूरा है। इस विद्यालय में शौचालय एवं पानी की भी गंभीर समस्या है शासन प्रशासन को इस और भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सबसे प्रमुख जो बात है वह यह है कि 26 जून से विद्यालय प्रारंभ होना है और अधिकतर विद्यालय अभी पूर्ण हुए नहीं है।
लक्ष्मणगढ़ संकुल के समन्वयक भरत सिंह ने चर्चा के दौरान बताया कि विद्यालयों में मरम्मत कार्य का स्टीमेट नहीं है। विद्यालय की आवश्यकता के अनुरूप स्टीमेट ही नहीं बनाया गया है। मरम्मत कार्य करके मलबा स्कूल के सामने ही छोड़ दिए जाने से यह परेशानी और भी बढ़ी है।
इस बारे में बात करने पर उदयपुर आरईएस के एसडीओ शैलेंद्र भारती ने बताया कि 133 स्कूलों के मरम्मत का कार्य चल रहा है, इसमें से 60 पूर्ण हुए हैं। कुछ विद्यालय 80 से 90 प्रतिशत तक पूर्ण है। मानक स्तर के निर्माण कार्य के लिए ठेकेदारों को नोटिस भी जारी किया जा रहा है, जहां पर गुणवत्ता की शिकायत है, उन जगहों पर सुधार कार्य कराया जाएगा।