बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 18 जुलाई। हरेली धूमधाम से मनाया गया। किसानों ने अपने नांगर, कुदाल, फावड़ा, गैंती, सब्बल, हंसिया आदि कृषि यंत्रों तथा खेती किसानी में अहम योगदान देने वाले गौवंश की आराधना की। गांवों में खेलकूद के आयोजन हुए। जिले के भाटापारा विकासखंड अंतर्गत ग्राम टिकुलिया निवासी छत्तीसगढिय़ा किसान देवप्रसाद वर्मा ने बताया कि यह हरियाली की देवी प्रकृति की पूजा है। इस दिन किसान कुल देवता, कृषि औजारों और पशु धन की पूजा -अर्चना कर गोधन के उत्तम स्वास्थ्य और रोग रहित अच्छी फसल की कामना करते हैं।
हरेली पर्व में बैलों, हल व खेती में काम आने वाले औजारों की विशेष पूजा करने के बाद खेती का बचा काम शुरू किया जाता है। किसान नांगर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि में काम आने वाले औजारों की साफ- सफाई करते हैं। इस अवसर पर घरों में गुड़ और आटे का मीठा चीला बनाया जाता है। बैल, गाय व भैंस को बीमारी से बचाने के लिए बगरंडा और नमक खिलाने की परपंरा है। पर्व पर बच्चों व युवाओं के लिए गांवों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। भाटापारा व ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत प्राय: सभी गांवों में हरेली त्यौहार की खुशी में कबड्डी, खो खो, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, कुर्सी दौड़, नारियल फेंक, गेंड़ी दौड़ आदि प्रतियोगिताएं हुईं।