रायगढ़
फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट का फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 23 जुलाई। किशोरी को शादी का झांसा देकर रेप करने और पीडि़ता के गर्भवती हो जाने के बाद शादी से इंकार करने के मामले में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को दस वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है।
मामला इस प्रकार है कि पीडि़ता उम्र 17 वर्ष द्वारा थाना चक्रधरनगर में इस आशय की लिखित शिकायत की गई थी कि आज से लगभग एक साल पहले उसका पड़ोसी रामलाल किस्पोट्टा मुझसे प्यार करता हूं और शादी करूंगा कहते हुए, उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। अभी वर्तमान में वह तीन माह की गर्भवती हो गई है, जब वह रामलाल किस्पोट्टा को शादी करने के लिए बोली तो शादी करने से इंकार कर रहा है और मेरा बच्चा नहीं है कह कर अपमानित कर रहा है।
रामलाल किस्पोट्टा द्वारा उसे शादी कर प्रलोभन देकर उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया है और दस दिन पहले भी संबंध बनाया है। पीडि़ता की लिखित शिकायत के आधार पर थाना चक्रधरनगर रायगढ़ में धारा 376 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 4, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी 2 पंजीबद्ध कर प्रकरण में विवेचना की कार्रवाई प्रारंभ की गई।
इस मामले में अपराध पंजीबद्ध होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। उक्त मामला उपार्पण पश्चात फास्ट टै्रक स्पेशल कोर्ट में आया, जहां दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात विद्वान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने इस मामले में आरोपी को दोष सिद्ध करार देते हुए विभिन्न धाराओं में दस वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर आरोपी को अतिरिक्त तीन माह का कारावास भुगताने की व्यवस्था निर्णय में दी गई है। उक्त मामले में विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।