धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 27 जुलाई। महिमा सागर वार्ड स्थित कारगिल उद्यान में एमआईसी सदस्य राजेश ठाकुर,केंद्र कुमार पेंदरिया,राजेश पांडे,कमलेश सोनकर,वार्ड पार्षद दीपक सोनकर,एल्डरमेन लखन पटेल, तोमन कंवर,पवन यादव ने विजय स्मारक के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले सैनिकों की शहादत को नमन किया।
कारगिल विजय दिवस पर एमआईसी सदस्य राजेश ठाकुर,केंद्र कुमार ने कहा की 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ’आपरेशन विजय ’को सफलता पूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चुंगल से मुक्त कराया था। इसी की याद में 26 जुलाई अब हर वर्ष कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन शहीदों को याद कर अपना श्रद्धा सुमन अर्पण करने का है जो हंसते हंसते मातृ भूमि के रक्षा करते वीर गति को प्राप्त हो गए है। यह दिन समर्पित है उन्हें, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया।
राजेश पांडेय,कमलेश सोनकर ने कहा कि वीरों का साहस हिमालय से ऊंचा था इस युद्ध में हमारे लगभग 527 से अधिक वीर योद्धा शहीद व 1300 से ज्यादा घायल जो गए इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान को उस सर्वोच्च परंपरा का निर्वाह किया,जिसकी सौगंध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है। इन रन कुबेरो ने भी अपने परिजानोसे वापस लौटकर आने का वादा किया था,जो उन्होंने निभाया भी,मगर उनके आने का अंदाज निराला था। वे लौटे,मगर लकड़ी के ताबूत में। उसी तिरंगे में लिपटे हुए जिसकी रक्षा की सौगंध उन्होंने खाई थी।
वार्ड पार्षद दीपक सोनकर ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के शहादत पर कहा की जिस राष्ट्र ध्वज के आगे कभी उनका माथा सम्मान से झुका होता था,वही तिरंगा मातृ भूमि के इन बलिदानी जाबजो से लिपटकर उनकी गौरव गाथा का बखान कर रहा था। मातृ भूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं है,मगर इनकी यादें हमारे दिलो में हमेशा हमेशा के लिए बसी रहेगी।
इस दौरान भूपेश साहू,योगेश कुमार, भूनेश, रामचंद्र, गगन सहित डॉ.शोभाराम देवांगन स्कूल के शिक्षक गण एवं छात्र छात्रा उपस्थित थे।