गरियाबंद
कलेक्टर से शिकायत, गौठानों में चारा-पानी नहीं होने का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 29 अगस्त। गाय और अन्य मवेशियों को नगर से ले जाकर जंगल में छोडऩे को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है। इस मामले में विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि गरियाबंद जिला मुख्यालय में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नरवा घुरवा और बाड़ी के तहत बनाए गए अधिकतर गौठानों की हालत बदतर बनी हुई है।
ज्ञापन में नगर पालिका प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नपा अधिकारी के आदेश पर पिछले दो माह से पशुओं को नगर से उठाकर आस पास के जंगल में छोड़ा जा रहा है, जबकि राज्य शासन के निर्देशानुसार रोका छेका कार्यक्रम के तहत आवारा पशुओं को गौठान में रखा जाना है।
हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि करोड़ों खर्च करने के बाद भी मुख्यालय के आस पास के गौठनों में पशुओं को रखने की व्यवस्था नहीं बन पा रही है । वहां पशुओं के लिए न ही चारे की व्यवस्था है और न ही पानी की कोई व्यवस्था है। जिसके चलते पशुओं को जंगल में छोड़ा जा रहा है ।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व जिला अध्यक्ष परस देवांगन ने स्थानीय प्रशासन और वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गौठानों के नाम पर करोड़ों रुपए की बर्बादी कर कांग्रेस सरकार इसे अपना रोल मॉडल दिखा अपनी पीठ थपथपा रही है। जबकि जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। गौठानों में पानी चारे की व्यवस्था न होने के कारण गाय और अन्य पशुओं को जंगल में छोड़ा जा रहा है।
वहीं इस मामले को लेकर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने हिंदू संगठनों के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके आरोप पूरी तरह निराधार है। गौठान राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है और पूरे जिले में सुचारू रूप से संचालित हो रही है। कहीं- कहीं पर समस्या हो सकती है लेकिन इसका यह अर्थ नही की सभी जगहों पर अव्यवस्था बनी हुई है।
नपा पर लग रहे आरोपों को लेकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने माना कि गौठानों में बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी की कमी है। गाय और अन्य मवेशियों को शहर के पास जंगल में छोड़ रहे हैं, लेकिन जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा ।
लाखों खर्च के बावजूद गौठानो में नहीं है चारा-पानी
विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाते बताया कि वर्तमान में ब्लॉक में पिछले 4 सालो में 47 गौठानों पर 1 करोड़ 81 लाख रुपए की भारी भरकम राशि खर्च तो कर दी है मगर ज्यादातर जगहों पर अव्यस्था के चलते इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। नगर से लगी हुई पारागांव पंचायत के गौठान में अब तक लगभग 11 लाख रुपए खर्च किए जा चुके है, बावजूद वहां पानी की कमी के चलते मवेशियों के मालिक मवेशी नहीं छोड़ते हैं। जब गौठानों की पड़ताल की गई तो पानी की टंकी सूखी थी और चारा भी नहीं था।
ग्रामीणों ने बताया कि काफी समय से पाइप लाइन टूटी हुई कोई देखने नहीं आता दिन में कुछ समय मवेशी ऐसे ही रहते है यहां । इसी तरह नेशनल हाइवे में स्थित ग्राम मालगांव में पानी और चारे की समस्या बनी हुई है जिसके चलते यहां भी मवेशी नहीं रखे जा रहे। जबकि मालगांव का गौठान सबसे महंगे गौठानों में से एक है, यहां अब तक प्रशासन ने 21 लाख रुपए खर्च कर दिया है लेकिन पानी और चारे की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है ।