धमतरी

हाथकरघा में तैयार कपड़ों से बनेंगे स्कूली ड्रेस, सीएम की घोषणा
10-Sep-2023 9:47 PM
हाथकरघा में तैयार कपड़ों से बनेंगे स्कूली ड्रेस, सीएम की घोषणा

राज्य स्तरीय बुनकर सम्मेलन रायपुर में शामिल हुए मुख्यमंत्री

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरुद, 10 सितंबर। छत्तीसगढ़ बुनकर शिल्पी संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय बुनकर सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगामी शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में गणवेश आपूर्ति के लिए जरूरी कपड़े राज्य हाथकरघा संघ से लेने की घोषणा की। जिसका छत्तीसगढ़ के बुनकर समाज ने दिल खोलकर स्वागत किया।

रायपुर के बलबीर जुनेजा स्टेडियम 8 सितंबर को आयोजित बुनकर सम्मेलन में मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ बुनकर शिल्पी संघ के द्वारा साल भर नियमित रोजगार, कर्ज माफी, नि:शुल्क भूमि आवंटन, पेंशन सहित सात सुत्रीय मांग पत्र सौंपने वाले प्रदेश सचिव अवधराम देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि बुनकर सामाज बहुत मेहनती और उद्यमी है, धागा कातने और कपड़ा बुनने के काम को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ा रहे इस समाज ने अपने पुरखों द्वारा सिखाये हुनर को नहीं भूला है। सीएम ने वैश्विक बाजार के बदलते ट्रेंड का जिक्र करते हुए कहा कि मशीनी उत्पादों से लोगों का मोह भंग हो रहा है, हाथों से बने, शुद्ध और भरोसे के उत्पादों की तरफ लोग लौट रहे हैं। कृत्रिम की जगह प्राकृतिक चीजों की मांग बढ़ रही है। यह हमारे परंपरागत उद्यमियों के लिए एक अच्छा अवसर है, हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने अपनी सरकार द्वारा बीते पांच सालों में बुनकरों के उत्थान के लिए उठाए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि बुनकर भाइयों के प्रशिक्षण से लेकर उत्पादन में सहयोग और उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने का इंतजाम किया गया है।हमने छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए लगातार काम किया है। इन पांच सालों में बुनकरी के विकास के लिए एक ऐसी मजबूत अधोसंरचना तैयार की है, जिसका लाभ आने वाले कई वर्षों तक मिलेगा। इससे बुनकरी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

सीएम ने बुनकर समाज से अपील करते हुए कहा कि  आप नये जमाने के अनुरूप नये दृष्टिकोण के साथ अपने इस परंपरागत पेशे को आगे बढ़ाएं। हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है। इस मौके पर श्री बघेल ने बताया कि कोसा उत्पादन के मामले में आज भी छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है। हमारे यहां बने कपड़ों की मांग विदेशों तक है। यहां के रेशमी कपड़ों की क्वालिटी का कहीं मुकाबला नहीं है। युवा पीढ़ी बाजार को बेहतर तरीके से समझ कपड़ों के प्रिंट और डिजाइन में तरह-तरह के नवाचार कर रहे हैं, जिसका उन्हें इसका लाभ भी मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि बुनकर समाज अपने पुश्तैनी व्यवसाय को नये नजरिये के साथ आगे बढ़ाएं। हमारी सरकार आपकी पूरी मदद करेगी?। हमारे सामने दंतेवाड़ा की डेनेक्स फैक्टरी एक सफल उदाहरण कि यदि आधुनिक दृष्टिकोण के साथ हम अपना काम करेंगे तो कपड़ा निर्माण क्षेत्र नई संभवानाओं के बहुत से दरवाजे खुल जाएंगे। सुराजी गांव योजना का एक लक्ष्य पारंपरिक व्यवसाय और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना भी है। बुनकरी, शिल्पकारी, कारीगरी जैसे उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए ही हमारी सरकार ने रीपा योजना शुरू की है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 300 औद्योगिक पार्कों की स्थापना करके परंपरागत उद्यमितयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सीएम ने आगे कहा कि हमने जगह-जगह सी-मार्ट की स्थापना की, ये ऐसे बाजार हैं, जहां पर स्थानीय उत्पादों की ही बिक्री की जाती है। छत्तीसगढ़ के जंगलों को बचाए रखने के साथ-साथ रेशम कीट पालन के जरिये भी हमारी सरकार रेशम-उत्पादन को बढ़ावा देने का काम कर रही है। रेशम कीट पालन को हमने खेती का दर्जा दिया है। इससे छत्तीसगढ़ में रेशम का उत्पादन बढ़ेगा और बुनकरों को आसानी से रेशम उपलब्ध होगा जिससे रेशमी कपड़ों के उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम अध्यक्ष  गिरीश देवांगन, महापौर एजाज ढेबर, विशाल देवांगन, शैलेश देवांगन, लखनलाल,खोरबाहरा, शंकरलाल देवानंद, मिश्रीलाल, कामता साहू, किशन,चेतन, देवांगन, उदित, राजेन्द्र, शशिकांत, रोहित देवांगन सहित प्रदेश भर से आए हजारों की संख्या में बुनकर समाज के लोग मौजूद थे।

 

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