धमतरी
पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन में वक्ताओं ने जताई पीड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 11 सितंबर। ओबीसी दिवस पर आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं सहित सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर जातिगत जनगणना सहित सात सूत्रीय प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
रविवार को कुरुद के चन्द्राकर भवन में छत्तीसगढ़ ओबीसी संयोजन समिति के तत्वावधान में आहूत सम्मेलन में विधायक अजय चंद्राकर, मंडी अध्यक्ष नीलम चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष शारदा साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर, पूर्व जि़ला पंचायत अध्यक्ष रघुनंदन साहू, सिपाही यादव, डीपी साहू समेत कई दिग्गज शामिल हुए।
इस मौके पर पर देशव्यापी पिछड़ा वर्ग आंदोलन के सूत्रधार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आरएल चंदापुरी की मूर्ति का अनावरण किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी, पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता डीएन साहू आदि वक्ताओं ने जातिगत जनगणना नहीं करवाने को ओबीसी समाज के साथ विश्वासघात बताते हुए कहा कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को उनके हक से वंचित रखते हुए पूर्व निर्धारित 27 प्रतिशत की जगह मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण (प्रतिनिधित्व) दिया जाना गैर संवैधानिक है।
समिति के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने ओबीसी सुरक्षा अधिनियम एवं समान हिस्सेदारी दिलाने सहित सात बिंदुओं का प्रस्ताव पेश किया जिसे सभी ने हाथ उठाकर ध्वनिमत से पारित कर उसकी प्रतियां संबंधित पार्टी के प्रतिनिधियों को सौंप कर कहा गया कि वे अपने पार्टी के चुनाव घोषण पत्र में इसे शामिल करवाएं।
श्री साहू ने बताया कि हम ओबीसी आबादी के अनुसार 52त्न हिस्सेदारी व प्रोटेक्शन एक्ट लेकर ही दम लेंगे। अन्य वक्ताओं का कहना था कि देश में ओबीसी प्रधानमंत्री और प्रदेश में ओबीसी मुख्यमंत्री होते हुए भी तकनीकी व गैर कानूनी अड़चनें पैदा कर पिछड़ा वर्ग को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखना दुर्भाग्य जनक है।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष हरीश सिन्हा, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष टिकेश्वर साहू, उपाध्यक्ष एसएल साहू, कृष्णा जैन, नोहर लाल, चेतन साखरे, संजीव साहू, नारायण लाल, शैलेंद्र कुमार, समारु सिन्हा, अंकालू राम, चोवाराम, बल्दूराम , विष्णु श्रीवास, मोहन साहू, युवराज सिंह, सदानंद साहू, अविनाश साहू, निरंजन साहू, गिरधर साहु आदि उपस्थित थे।