गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 4 अक्टूबर। शिक्षा को लेकर सरकार जोरों-शोरों से प्रचार करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। वैसे तो सरकारी स्कूल का नाम सुन लोगों के जेहन में बदतर हालात, बदहाली की तस्वीर सामने आती है और यही हकीकत नवापारा के प्राथमिक और मिडिल स्कूल बयां कर रही है। यहां की हालत देख आपका भी दिल सिहर जाएगा। जर्जर भवन और अव्यवस्थाओं के बीच बच्चें पढऩे को मजबूर हैं। जर्जर भवन होने की वजह से विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक परिसर में तीन स्कूल संचालित
नवापारा नगर के सदर रोड में स्थित बढ़ाई पारा में शास. प्राथमिक शाला परिसर में तीन स्कूल संचालित हो रही है। जिस भवन में शास. कन्या पूर्व माध्य. शाला संचालित हो रही है वह भवन अत्यंत जर्जर स्थिति में है। कॉरिडोर, क्लासरूम, स्टाफ रूम सभी के छतों का प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है। कई बार दुर्घटना होते होते बची है। पूर्व में अन्यत्र लग रही कन्या शाला को भी आनन-फानन में यहां स्थानांतरित किया गया, परंतु यहां भी पर्याप्त कमरे ना होने के कारण दो जगह अध्यापन कार्य कराया जा रहा है।
2 पाली में 13 कक्षा होती है संचालित
अभी वर्तमान में इस स्कूल में सुबह की पाली में कक्षा 1ली से 5वीं तक और कक्षा 6वीं से 8वीं तक कक्षा संचालित होती हैं। वहीं दूसरी पाली में कक्षा 6वीं से 8वीं तक छ: कक्षा संचालित होती है। स्कूल में कक्षा की स्थिति देख आपका दिल सिहर जाएगा। छत का मलबा टूटने की कगार पर है, तो नीचे जगह-जगह गढ्ढे बन गए हैं।
गंदे कीचड़ युक्त रास्ते से होकर शौचालय जाने छात्राएं मजबूर
स्कूल परिसर में दो जगह शौचालय बनें है। बालकों हेतु बने शौचालय उपयोग करने लायक नहीं है। टायलेट टूटा फूटा तथा गंदगी से अटा पड़ा है। दरवाजे भी जर्जर हालत में है। वहीं छात्राओं हेतु बने शौचालय जाने वाला मार्ग पूरी तरह से गंदगी है, गंदे पानी से भरा हुआ है। साथ ही वहां पानी भी उचित व्यवस्था नहीं। बाल्टी आदि में पानी भरकर उपयोग करने हेतु छात्राएं बाध्य है। जबकि स्कूल परिसर से ही शौचालय आने जाने हेतु चैनल गेट लगा है, परंतु उसे वर्षों से बंद रखा गया है।
स्कूल मैदान में पानी का भराव
शाला के प्रांगण मैदान में पानी भरा हुआ है। निकासी की सुविधा नहीं होने से वहां पढऩे वाले विद्यार्थियों व शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि अभी तक ध्यान नहीं दे रहे। निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी सड़ चुका है, जिससे मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से बच्चे ग्रसित हो सकते हैं। बड़ी बात यह है कि स्कूल के मेन गेट के सामने भी कीचड़ भरा हुआ, जिसके चलते गेट बंद रहता है।
सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं
स्कूल परिसर के चारों तरफ बाउंड्री वॉल का निर्माण हुआ था, लेकिन उसकी भी स्थिति बहुत खराब है। बाउंड्रीवाल जगह-जगह से टूट चुकी है। गेट भी हमेशा खुला रहता हैं। स्कूल परिसर में मावेशी व जानवर कभी भी घुस जाते हैं, जिससे स्कूली बच्चों को बड़ी दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती है। मंगलवार को संवाददात जब रिपोटिंग के पहुंचे, उसी दौरान कक्षा 8 की बच्ची सुनीता देवांगन को भी एक मवेशी ने चोटिल कर दिया। हालांकि बच्ची को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं शाम होते ही असामाजिक तत्वों का डेरा जमा हो जाता है। कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
पेयजल की व्यवस्था नहीं
स्कूली बच्चों के लिए शुद्ध पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। विद्यालय परिसर में बोर लगा हुआ है, लेकिन बोर के चारों तरफ कीचड़ भरा हुआ है। गंदगी के बीच बच्चे पानी पीने को मजबूर है, और खाने का थाली भी पास ही धोया जा रहा है।
जनप्रतिनिधियों को नहीं है ध्यान
स्कूलों के जर्जर स्थिति की जानकारी जनप्रतिनिधियों को भी है लेकिन वे कुछ करना नहीं चाह रहे हैं। इसके कारण बच्चों व शिक्षकों में नाराजगी है। जानकारी के अनुसार इस यह स्कूल तीन वार्डों के अंतर्गत आता है, लेकिन तीनों ही वार्ड के पार्षदों को इस ओर कोई ध्यान नहीं है। स्कूल के कई समास्याओं को लेकर स्टॉफ द्वारा मौखिक रूप से पार्षद से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी कोई पत्राचार नहीं किया गया - एचएम
इस संबंध में कन्या शाला की एचएम रेखा ठाकुर से पूछा गया कि इन अव्यस्थाओं को ठीक करने हेतु उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है तो उन्होंने किसी भी पत्राचार से इंकार किया।
स्वयं निरीक्षण का समाधान करवाता हूं - बीईओ
इस संबंध में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकेश मिश्रा ने कहा कि मैंने अभी अभी ज्वाइन किया है। आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। स्वयं निरीक्षण कर तत्काल समाधान करवाता हूं।
हेमलता साहनी, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति
स्कूल में बहुत ही समास्याएं है, लेकिन समिति की बैठक में अधिक संख्या में पालकगण उपस्थित नहीं होने के कारण आगे पत्राचार हेतु सहमति नहीं बन पाई है।