रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 दिसंबर। शहर की नवरूप ने पांच एग्जाम दिए, 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग के बाद बनीं कमर्शियल पायलट बचपन में कहा था प्लेन उड़ाउंगी
मुझे याद है तीन साल की उम्र में एक रोज मम्मी-पापा से कहा- मैं पायलट बनूंगी। शहर की नवरूप कौर मांगट प्रोफेशनल कमर्शियल पायलट बन चुकी है। एक प्राइवेट एयरवेज में उनकी ज्वाइनिंग भी हो गई है। ज्वाइनिंग के बाद नवरूप रायपुर वापस आई है।
नवरूप ने बताया कि कमर्शियल पायलट बनने के लिए रोजाना 10 घंटे पढ़ाई ,5 एग्जाम दिए, 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी की और अब जाकर पायल बन पाई। 15 सितंबर को ही रिजल्ट आया और एक महीने बाद ही ज्वाइनिंग हुई। अक्टूबर में कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ और उसके बाद 2 महीने की इंट्रेंस ट्रेनिंग हुई। अब कमर्शियल पायलट हो गई है।
नवरूप ने कहा कि बचपन का सपना पूरा करना था, गाइडेंस के लिए कोई नहीं था। ऐसे में साल 2018 में दिल्ली में कैप्टन साहिल खुराना से मुलाकात हुई। शुरुआती परीक्षा पास करने के बाद उसने 2019 में महाराष्ट्र की एकेडमी से फ्लाइंग जर्नी शुरू की। 2020 में वापस घर आई थी कि दो दिन बाद ही 21 दिन का लॉक डाउन लग गया। ऐसे में लॉकडाउन में पूरी इंडस्ट्री ही बंद हो गई। देखते ही देखते कोविड ने पीछे धकेल दिया। डिप्रेशन ऐसा था कि मैं घंटों एयरपोर्ट के बाहर बैठी रहती थी।
नवरूप के माता-पिता, रविंद्र कौर और गुरप्रीत सिंह कहते हैं कि नवरूप के डेडिकेशन सभी के लिए सीखने लायक है। बचपन में देखे गए सपने को पूरा करने में नवरूप ने कोई कसर नहीं छोड़ा। वहीं दादा होशियार सिंह ने कहा नवरूप ने न केवल अपना सपना पूरा, उन्होंने पूरे परिवार के सपने को साकार किया है।
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