जान्जगीर-चाम्पा

बालक देखरेख संस्था के बालक को मिला परिवार
29-Dec-2023 4:08 PM
बालक देखरेख संस्था के बालक को मिला परिवार

जांजगीर-चांपा, 29 दिसंबर। बाल कल्याण समिति द्वारा बाल देखरेख संस्था में संरक्षण प्राप्त बालक को नियमानुसार नये परिवार में मिशन वात्सल्य के फास्टर केयर योजनांतर्गत दिया गया। बाल कल्याण समिति से सदस्य  सत्यनारायण शर्मा,  संतोष कुमार देवांगन, पवन कुमार शर्मा ने चांपा के शिक्षक परिवार के प्राप्त आवेदन पर संज्ञान लेते हुए गृह अध्ययन सामाजिक जांच पश्चात् परिवार का मेडिकल जांच, पुलिस वेरिफिकेशन के पश्चात् परिवार एवं बालक की मैचिंग प्रकिया (समन्वय प्रकिया) स्थापित कराते हुए बालक व परिवार के सहमति के पश्चात् किशोर न्याय बालको की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 संशोधित अधिनियम 2021 आदर्श नियम 2016 संशोधित नियम 2022 के प्रावधानों के तहत आवश्यक समस्त दस्तावेजो का अवलोकन कर नियमानुसार बालक को पालन पोषण एवं देखरेख हेतु अस्थायी आदेश पारित कर परिवार को दिया गया।   जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल ने बताया किशोर न्याय (बालकों का संरक्षण) की अधिनियम अधिनियम 2021 आदर्श नियम 2016 संशोधित नियम 2022 के अंतगर्त पंजीकृत बाल देखरेख संस्था में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को उक्त अधिनियम व नियम के तहत तथा मॉडल गाइड लाइन फास्टर के प्रावधानानुसार अस्थायी संरक्षण में दिये जाने हेतु फास्टर केयर में भारतीय दंपत्तियों से आवेदन आमंत्रित है।

फास्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बालक को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण, आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा, आयु एवं रूची अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक की शोषण, दुव्र्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्वों एवं शर्तों का पालन करें। बाल कल्याण समिति से देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वालें बालको को अस्थायी रूप से संरक्षण में लेना चाहते है, वे जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जांजगीर चांपा के कार्यालय में संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते है। आवेदन के पश्चात उक्त अधिनियम एवं गाईड लाईन के प्रकाश में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पांसरशिप एवं फास्टर केयर अनुमोदन समिति के अनुशंसा के आधार पर जिले की बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण हेतु बालक को संबंधित दंपत्ति को फास्टर केयर में दिया जा सकेगा।

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