जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 4 मई। नगर के नवल भवन में स्वर्णकार राजा परिवार के द्वारा काशीराम सोनी की स्मृति में आयोजित 7 दिवसीय भागवत कथा सप्ताह का समापन हवन सहस्त्रधारा, भंडारे के साथ हुआ।
भागवत कथा विश्रान्त समापन के अवसर पर आचार्य रुपेश चौबे लगरा पामगढ़ वाले ने बताया कि भागवत ग्रंथ पवित्र ग्रंथ है। भागवत कथा सुनने से ही राजा परीक्षित की सद्गति हो गई थी। कथा को मोक्ष प्राप्ति के लिए समाज को इसका श्रवण करना चाहिए।
सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के बारे में जानकारी देते हुए कथाव्यास आचार्य ने बताया कि प्रथम दिन ज्ञान, वैराग्य, भक्त तथा धुधकारी, गौकर्म मोक्ष पर कथा केंद्रित रही, वहीं दूसरे दिन राजा परीक्षित की जन्म से लेकर कली दमन तक की कथा सुनाई गई। जबकि भागवत कथा के तीसरे दिन बारहों अवतार से लेकर नरसिंह अवतार अजामिल चरित्र ,और प्रहलाद चरित्र पर केंद्रित रही।
समुद्र मंथन से लेकर वामन अवतार श्री राम जन्म और श्री कृष्ण जन्म पर भक्तों के बीच चौथे दिन श्रवण कराया गया। कथा के पांचवें दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की रुक्मणि विवाह , कंश वध का कथा वाचन किया गया। छठवें दिवस की कथा सुदामा चरित्र , भगवान का स्वधाम गमन विदाई , अनुरुद्ध की कथा बतलाई गई।
सातवें समापन दिवस पर सुदामा चरित्र कथा और परीक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा विश्राम हुआ। बड़ी संख्या में श्रोता भाव विहळ होकर कथा रसपान किये।