रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 दिसंबर। हिंदु पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांति मनाई जाती है लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
मकर संक्रांति पर ही खरमास की समाप्ति होती है और उत्तर दिशा की ओर गति करते हैं इसलिए इसे उत्तरायण भी कहा जाता है। इस साल मकर संक्रांति की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना है. आइए जानते हैं मकर संक्रांति 2024 में कब मनाई जाएगी, सही तारीख, तिथि और स्नान-दान मुहूर्त।
नए साल में मकर संक्रांति 15 जनवरी -24, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य प्रात: 02 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति को देश भर में कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे उत्तरायण, पोंगल, मकरविलक्कु, माघ बिहु।
शुभ मुहूर्त : शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान-दान करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है।
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 06.41- शाम 06.22 अवधि - 11 घंटे 41 मिनट मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 06.41 - सुबह 08.38 अवधि - 1 घंटा 57 मिनट।
मकर संक्रांति महत्व
सूर्य के उत्तरायण को देवता का शुभ समय माना जाता है। इस दिन स्वर्ग के द्वार खुलते हैं। गीता में भी कहा गया है जो उत्तरायण और शुक्ल पक्ष में देह त्यागता है उसे जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।.यही वजह है कि भीष्म पिता ने बाण लगने के बाद प्राण त्यागने के लिए उत्तरायण का इंतजार किया था ताकि उन्हें मोक्ष मिल जाए।शास्त्रों में बताया गया है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया गंगा स्नान सात जन्म के पापों से मुक्ति दिलाता है।
इसके अलावा मकर संक्रांति पर तिल,जूते, अन्न, तिल, गुड़, वस्त्र, कंबल का दान करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।