सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 2 फरवरी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के द्वारा हाल के दौरे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के लिये सारी जवाबदेही जिला प्रशासन के जिम्मे छोडऩे की बात पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने निराशा व्यक्त की है।
उन्होंने कहा है कि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश की सत्ता में आयी थी, तब प्रदेश में मात्र 179 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति सरकारी अस्पतालों में थी। बजट सत्र वर्ष 2023-24 के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जानकारी दी थी कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढक़र 534 हो गयी थी, जो कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय के अपेक्षा तिगुनी थी।
यह सब प्रदेश के नागरिकों के प्रति तत्कालीन कांग्रेस सरकार की जवाबदेही का परिणाम था, कि उसने जनादेश के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किया था। पूर्ववर्ती सरकार के केन्द्रीय प्रयासों के फलस्वरुप महज 4 साल में चिकित्सा के क्षेत्र में वो काम हुए, जो 15 वर्षों के भाजपा के शासनकाल में नहीं हुआ था। अब पुन: भाजपा सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में ढुलमुल रवैया अपना रही है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री को सुझाव दिया है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थापना के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर पर प्रयास किये जाएं, न कि कलेक्टरों के भरोसे इसे छोड़ा जाये।
श्री सिंहदेव ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के इस बयान का स्वागत किया है कि अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भवन के निर्माण में बचे हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिये 109 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराने के लिये इसे अनूपूरक बजट में शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को ही पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने नयी सरकार के शपथ के दिन नये मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन को पूरा करने के लिये 109 करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराने की मांग की थी।