रायगढ़

सुरक्षा वापस नहीं देने पर अवमानना का नोटिस का लेगी सहारा
16-Mar-2024 8:43 PM
सुरक्षा वापस नहीं देने पर अवमानना का नोटिस का लेगी सहारा

  महिला आयोग अध्यक्षा किरणमयी नायक ने दी चेतावनी  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 16 मार्च। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्षा किरणमयी नायक ने एक बार फिर से राज्य सरकार द्वारा अपनी सुरक्षा व्यवस्था हटाये जाने को लेकर सवाल उठाये हैं और कहा कि इस मामले में उन्होंने न्यायालय की शरण ली है। किरणमयी नायक ने कहा कि सरकार बदलने के बाद हमारे दोनों सिक्यूरिटी वापस ले ली गई है और वो खुद उच्च न्यायालय से लिये गए स्थगन लेकर आई हैं और अब उनको अंतिम नोटिस भेजा है और अगर इसके बाद भी सिक्यूरिटी वापस नहीं मिलती है तो कोर्ट ऑफ कंटेम्प लगाने के लिये अपील करेंगी।  

महिला आयोग की अध्यक्षा रायगढ़ में प्रकरणों की सुनवाई के लिये पहुंची थी और इस दौरान प्रेस से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जो सुनवाई हो रही है। लगभग चौथी पांचवी राउंड की सुनवाई चल रही है। छत्तीसगढ़ में हर तरफ में महिलाओं के काम में और शिकायतों के स्तर अलग-अलग है। हमें लगता है कि बस्तर क्षेत्र में महिलाएं ज्यादा प्रताडि़त हैं। परंतु वहां घरेलू प्रताडऩा वाले मामले नहीं हैं। वहां पर वर्किंग महिलाएं अपने आफिशियल शिकायतें ज्यादा करती हैं। घरेलू प्रताडऩा स्वयं ही हल कर ले रही हैं। परंतु शहरी क्षेत्र में प्रताडऩा के अलग-अलग मामले सामने आते हैं। हर जगह का टेम्प्रामेंट अलग-अलग है।

उन्होंने कहा कि कई जगह महिलाएं अपने अधिकारों का दुरूपयोग भी करती हैं। ऐसे एक्का दुक्का मामले होते हैं। ऐसे मामलों में हम सुनवाई में दोनों पक्षों की बातें सुनते हैं और उनके दस्तावेज देखते हैं जिससे पता चल जाता है कि कौन किसका मिसयुज कर रहा है। तब ऐसी महिलाओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाती है। सरकार बदलने के बाद भी उनका काम पहले जिस तरह से चल रहा था अब भी वैसे ही चल रहा है। आचार संहिता के कारण दौरे बंद हो जाते हैं पिछले हफ्ते ही दौर शुरू हुए हैं। सरकार की तरफ से थोड़ा सा सहयोग शुरू हुआ है पीएसओ वापस ले लिया है। उसके कारण लंबा सफर तय करने में सोचना समझना पड़ता था। सेफ्टी सिक्यूरिटी को लेकर खुद को अलर्ट रहना पड़ता है।

पेडिंग मामलों में संबंध में उन्होंने कहा कि अभी तक मंैने 4 हजार मामले साल्व कर दिये हैं। अभी वर्तमान में 12 से 15 सौ मामले हैं और मामलों में इजाफा भी हो रहा है। क्योंकि यहां जीरो खर्च में उनका पीटीसन में हो जाता है और सुनवाई भी हो जाती है और न्याय भी मिल जाता है और मेटेंनेस, बकाया पैसा सारी चीजे दिलवा रहे हैं। महिलाओं को बिना किसी खर्च पर समस्याओं का निराकरण हो जाता है। सरकार बदलने के बाद हमारे दोनों सिक्यूरिटी वापस ले ली गई है और वो खुद उच्च न्यायालय से लिये गए स्थगन लेकर आई हैं, और अब उनको अंतिम नोटिस भेजा है और अगर इसके बाद भी सिक्यूरिटी वापस नही मिलती है तो कोर्ट ऑफ कंटेम्प लगाने के लिये अपील करेंगी।

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