धमतरी
ग्रामीणों ने पानी पिलाकर जंगल में छोड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 24 अपै्रल। रिसगांव में एक हिरण कुत्तों से अपनी जान बचाने एक घर में घुस गया जिसे ग्रामीणों ने उसकी जान बचाकर पानी पिलाकर वापस जंगल में छोड़ा, जो ग्राम में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष ग्रीष्मकालीन लगते ही वन्य प्राणियों के घर में पेयजल संकट गहरा जाता है, जहां हर वर्ष वन विभाग द्वारा लाखों खर्च कर जंगलों में नये तालाब व तालाब गहरीकरण का कार्य किया जाता है। मगर वन्य प्राणियों की प्यास कैसे बुझेगी इसका ख्याल नहीं रखा जाता जो गर्मी आते ही जंगलों के तालाब नदी नाले पोखर सभी सूख जाते है। ऐसे में जंगलों में वास करने वाले वन्य प्राणी अपनी प्यास बुझाने मानव दबाव क्षेत्र में पहुंच जाते है, जहां कई वन्य प्राणी शिकारियों व अवारा कुत्तो के चपेट में आने से अपनी जान गंवा देते है।
सोमवार को सुबह पानी की तलाश में एक हिरण रिसगांव बस्ती के करीब पहुंच गया, जहां अवारा कुत्तों की नजर पड़ते ही हिरण का शिकार करने टूट पड़े हिरण की भी कुत्तों पर नजर पड़ते ही अपनी जान बचाने बस्ती की ओर भागा और एक मकान में घुस गया। हिरण काफी डरा व सहमा हुआ था। ग्रामीणों की नजर पड़ते ही हिरण को रेस्क्यू कर निकाला गया व रिसगाँव अस्पताल में पदस्थ डॉ. दुर्गेश साहू ने हिरण का जांच किया हिरण को कहीं चोट और कुत्तों के काटने के निशान नहीं था। जहां डॉक्टर ने हिरण को पानी पिलाया व वन विभाग के रेन्जर चंद्र बली ध्रुव, महेन्द्र चौहान चौकीदार महेन्द्र अग्रवानी, रूस्तम कुमार, सोम प्रकास की टीम ने हिरण को जंगल में ले जाकर छोड़ा।
वही पिछले दिनों एक नर हिरण चार वर्ष का पानी की तलाश में खल्लारी थाने के करीब पहुंच गया था, जिसे अवारा कुत्तों ने घायल कर दिया था। खल्लारी पुलिस ने हिरण को कुत्तों के झुण्ड से बचाकर प्राथमिक चिकित्सा कर वन विभाग को सौंप दिया था, जहा इलाज के दौरान हिरण की मौत हो गई थी।