बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 30 जून। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष पप्पू अली ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि छ.ग. राज्य गठन के 24 वर्ष हो गए पर मजदूर की दशा स्थिति वहीं के वहीं है और अब इसको सह नहीं जाएगा राज्य के श्रमिकों / मजदूर का दुर्भाग्य है कि जिसकी भी सरकार बनी वह सिर्फ मजदूरों श्रमिकों को ठगने और उनके को अनदेखी कर पूंजीपतियों के इशारे पर कार्य किया बीजेपी सरकार ने श्रम कानून को इतना कमजोर कर दिया कि श्रम पदाधिकारी आज किसी प्रतिष्ठान में निरीक्षण नहीं कर सकते कारखाना एक्ट और औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की स्थिति मजदूर हित में शून्य की ओर अग्रसर है।
प्रदेश के औद्योगिक दुर्घटना बढ़ते जा रहा है श्रमिकों की स्थिति आज भी 12 / 12 घंटा कार्य करने के बाद भी आधा रेट मजदूरी पा रहे है। शासन की सैकड़ों योजना है पर श्रमिकों को इसके लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रदेश के कई खतरनाक उद्योग में गंभीर बीमारियों से मजदूर जुझ रहे है केंद्र की बीजेपी मोदी सरकार कृषि कानून और श्रम कानून पर कई बदलाव किए है किसान अपनी हक की लड़ाई के लिए सडक़ से सदन तक लड़े और बहुत कुछ मांग पर कृषि कानून में बदलाव हुआ किंतु श्रम कानून में जो बदलाव किया गया।
स्कूल हॉस्पिटल उद्योगों में और अन्य प्रतिष्ठानों में कार्य करने वालों महिला श्रमिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है। बढ़ते महंगाई को देखते हुए श्रमिकों को दैनिक मजदूरी कार्यानुसार 500 से 12 सौ तक की जानी चाहिए।