बलौदा बाजार
![भारतीय दंड संहिता बनीं न्याय संहिता, 3 कानूनों में किया गया बदलाव भारतीय दंड संहिता बनीं न्याय संहिता, 3 कानूनों में किया गया बदलाव](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719997462352.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार/भाटापारा, 3 जुलाई। देश में पुराने तीन अपराधिक कानून सोमवार से बदल गए, उनकी जगह नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हुए। अब नए कानून के तहत ही प्रकरण दर्ज होंगे। भारत के नए कानून, विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता, का उद्देश्य न्याय प्रणाली को और अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है। पुराने कानून भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर 03 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लाए गए हैं। सोमवार को जिले के समस्त थाना/चौकी एवं पुलिस सहायता केंद्र में न्यायिक अधिकारी, पुलिस स्टाफ, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं आमजनों की उपस्थिति में पीडि़त केंद्रित दृष्टिकोण, एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों, पुलिस अधिकारियों द्वारा नए कानून के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया।
नए कानूनों का उद्देश्य आधुनिक न्याय व्यवस्था को लागू करना है। भारतीय दंड संहिता में पूर्व में कुल 511 धाराएं थी, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं सम्मिलित की गई है। अपराधिक कानून में बदलाव के साथ ही इसमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदला गया है।