रायपुर

रिटायर्ड सर्जन से 79 लाख ठगने वाला साफ्टवेयर इंजीनियर, बैंक कर्मी अब जेल में
29-Jul-2024 8:01 PM
रिटायर्ड सर्जन से 79 लाख ठगने वाला साफ्टवेयर इंजीनियर, बैंक कर्मी अब जेल में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 29 जुलाई। रायपुर रेंज साइबर थाना की टीम ने शेयर ट्रेडिंग के नाम से ठगी करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर और बैंक अकाउंट सप्लायर को गिरफ्तार किया है।  इनसे जप्त बैंक खातों में अलग अलग राज्यों के कुल 80 पुलिस थानों/साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज है। इनसे 4  मोबाइल,1 लैपटॉप, 7 डेबिट कार्ड, द्ब-10 कार, बैंक खाते में जमा 8 लाख रूपए जब्त कर खाता होल्ड कराया है।

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी टाटीबंध निवासी रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉक्टर प्रकाश गुप्ता (66 वर्ष) ने 16जुलाई को साइबर थाने में  रिपोर्ट दर्ज कराया था। उन्हें शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के नाम से उनसे 74.49 लाख रुपए की ठगी की गई थी। रेंज साइबर. पुलिस ने  धारा 420,34 ढ्ढक्कष्ट पंजीबद्ध कर जांच शुरू की ।

इस दैरान सेल ने आरोपियों के उपयोग किए जा रहे बैंक खातों एवं मोबाइल नंबरों की जानकारी ली। इनके जरिए आशीष साहू पिता निरंजन साहू 36 निवासी इस्पात नगर भिलाई, विकास चंद्राकार पिता आशाराम चंद्राकार 33 वर्ष मैत्री नगर रिसाली भिलाई को पकड़ा। साइबर पुलिस के मुताबिक आशीष साहू ने  विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाकर अपने साथी विकास चंद्राकर को दिया था। इन  खातों में गुप्ता  से 25 लाख रुपए जमा करवाए गए थे। बैंक खातों के एवज में विकास चंद्राकर ने कमीशन के रूप में 3.70 लाख रुपए आशीष को दिया था। विकास चंद्राकार निवासी भिलाई पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह वर्चुअल नंबर का प्रयोग करता है और अन्य लोगों से बैंक खाते किराया में लेकर ठगी की रकम जमा करवाने में प्रयोग करता था।

इन बैंक खातों में अलग अलग राज्यों के कुल 80 पुलिस थाना एवं साइबर सेल मे रिपोर्ट दर्ज है। विकास चंद्राकर के स्वयं के 10 से अधिक बैंक खातों, ङ्गङ्क 700 गाड़ी की जानकारी प्राप्त हुई है। दोनों को ठग  को आज गिरफ्तार कर  न्यायालय में पेश किया गया है।

लोन दिलाने के नाम पर व्यापारी से 3 लाख की ठगी, फरार को पुलिस ने दो साल बाद गिरफ्तार किया

रायपुर, 29 जुलाई। राजधानी के देवेंद्र नगर इलाके में करोड़ो का लोन दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपए कर दो साल से फरार आरोपी रवि दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी बिलासपुर का रहने वाला है। 2022 में अपराध दर्ज होने के बाद वह फरार चल रहा था। दूसरे राज्यों में नाम बदलकर रह रहा था। रवि दुबे श्री गणपति फाइनेंस कंपनी/आरएसडी अल्फा फाइनेंस कंपनी का डायरेक्टर है। ठेकेदार अभय काले ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उन्हें व्यवसायिक कार्य के लिए रूपयों की जरूरत थी। एक कर्मचारी के माध्यम से उन्होंने कंपनी से संपर्क किया। वह और उसके व्यवसायिक भागीदार जय कुमार साव फाइनेंस कंपनी के डायरेक्टर रवि दुबे से पंडरी कपड़ा मार्केट स्थित अॅाफिस में मिलने गए। रवि दुबे ने अलग-अलग दस्तावेजों की जांच के बाद पांच करोड़ रुपये लोन दिलाने का आश्वासन दिया।

कागजात जमाकर रवि ने अनुबंध कराया। रवि ने लोन दिलाने के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में तीन लाख रुपये की मांग की। जिसे गणपति फाइनेंस कंपनी के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से जमा किया गया। 25 दिनों के भीतर लोन नहीं मिलने पर उन्होंने रवि से संपर्क करने पर टालमटोल करने लगा। कुछ दिनों बाद रवि ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। ऑफिस जाकर देखा तो रवि  वहां ताला लगा फरार हो गया। 17 जनवरी 2022 को किए गए अनुबंध में 15 फरवरी 2022 तक लोन की रकम देने का आश्वासन रवि दुबे ने दिया था।

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