रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 जनवरी। भाषा एवं साहित्य अध्ययन शाला रविवि, एलमुनी एसोसिएशन एवं शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में कला भवन के पाणिनि सभागृह मे विगत दिवस व्यतिरेकी भाषा विज्ञान एवं निर्माण सामग्री तथा आई पीआर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेवीनार तथा डॉ. रमेश चंद्र महरोत्रा स्मृति व्याख्यान माला-आयोजित किया गया।
इस अवसर पर कुलपति, डॉ. केशरी लाल वर्मा ने कहा वैज्ञानिक तरीके से किसी भाषा को सीखना तभी संभव है, जब हम मातृभाषा और द्वितीय भाषा को अच्छी तरह से जानते हों। इस अवसर पर प्रिया राव, प्राध्यापक, विधि संकाय ने कहा जो दूसरों का है उसे अपने द्वारा प्रस्तुत किया जाना, अपराध की श्रेणी में आता है। साहित्यिक चोरी पर 6 माह की या 3 साल की अधिकतम सजा, 50 हजार से लेकर 20 लाख रु.तक का जुर्माना हो सकता है ।
उन्होंने बताया कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय में हुई साहित्यिक चोरी में एक प्राध्यापक को निलंबित कर दिया गया। बौद्धिक संपदा दो प्रकार की होती है। बौद्धिक संपदा का अर्थ है बुद्धि से निर्माण की गई या दिमाग की उपज जैसे मोबाइल इसके दुरुपयोग रोकने के लिए बौद्धिक संपदा अधिनियम का वर्ष 1959 में निर्माण किया।
द्वितीय सत्र में भाषा विज्ञान के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.रमेश चंद्र मेहरोत्रा की स्मृति पर सातवीं व्याव्यानमाला का आयोजन किया गया। डॉ रमेश चंद्र मेहरोत्रा का जीवन वृतांत भाषाविद डॉ.महेश परिमल द्वारा आनलाईन दिया गया। इस अवसर पर पंडित सुंदरलाल शर्मा राज्य अलंकरण से सम्मानित डॉ.रमेंद नाथ मिश्र ने डॉ.रमेश चंद मेहरोत्रा से जुड़े अनुभवों को साझा किया। पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के एलमुनी एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में डॉ,परमलाल अहिरवार तथा डॉ.प्रिया राव, प्राध्यापक का सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.प्रवीण शर्मा, अध्यक्ष, एलमुनी एसोसिएशन एसोसिएशन ने किया।