रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 जनवरी। प्रदेश के पंचायत सचिव दो साल की परिवीक्षा अवधि पूरी होने के बाद नियमित करने समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर यहां बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है। वे सभी नारेबाजी करते हुए यहां बूढ़ापारा में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके आंदोलन को रोजगार सहायक का भी समर्थन मिलने लगा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगों पर जल्द विचार ना करने पर वे सभी आगे की रणनीति बनाने के लिए मजबूर होंगे।
प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष तुलसी साहू, अमरसिंह धनकर व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों पंचायत सचिव पिछले करीब 25 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन उनका नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे में 146 विकासखंड के सभी पंचायत सचिव 26 दिसंबर से काम बंद-कलम बंद हड़ताल पर चले गए। उनके समर्थन में रोजगार सहायक भी 30 दिसंबर से हड़ताल पर बैठ गए हैं।
उनका कहना है कि हड़ताल से पंचायतों में गोबर खरीदी, आवास, पेंशन व मनरेगा समेत कई योजनाएं प्रभावित हैं। इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है। उनकी मांगों में परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण, ग्राम रोजगार सहायकों का वेतन तय कर नियमित करने, नगर पंचायत व नगर निगम में विलय होने वाले पंचायत के रोजगार सहायकों को इस निकाय में शामिल करने व ग्राम रोजगार सहायकों को पंचायत सचिव पद पर नियुक्त करने शामिल है।