रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 जनवरी। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से जुड़े संगठनों की मंथन हॉल कचहरी चौक में बैठक रविवार को संपन्न हुई।
बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कॉरपोरेट परस्त व किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला किसान संघ बालोद के संरक्षक व पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर ने तथा संचालन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने किया। किसान आंदोलन की समीक्षा के लिए आधार वक्तव्य कृषक बिरादरी के संयोजक डॉ.संकेत ठाकुर ने दिया।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 4 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ किसानों की होने वाली बैठक के बाद तीनों कानून वापस नहीं लिए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून नहीं बनाए जाने पर अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति व संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता कायम करने छत्तीसगढ़ से 1000 किसानों का जत्था 8 जनवरी को राजधानी रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना होगा।
प्रदेश के किसानों को इन काले कानूनों से अवगत कराने 8 जनवरी से 22 जनवरी तक खेती बचाओ यात्रा प्रदेश के सभी धान खरीदी केन्द्रों में चलाई जाएगी। 23 जनवरी को देशव्यापी किसान आंदोलन के आह्वान पर राजभवन मार्च होगा तथा 24 जनवरी को दूसरा जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा जो 26 जनवरी को दिल्ली के ट्रैक्टर रैली एवं किसानों द्वारा आयोजित परेड में शामिल होगा।
बैठक में राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर, नदी घाटी मोर्चा के संयोजक गौतम बंद्योपाध्याय, संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, आदिवासी भारत महासभा के सौरा यादव, किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुंद से जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, तत्पर के संयोजक एवं पूर्व विधायक वीरेन्द्र पाण्डेय सहित किसान संघों से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे।